हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। इस बार केदारनाथ यात्रा पर तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है। इस दिन नया रिकार्ड बन रहा है। यात्री वाहनों की बड़ी संख्या के कारण यातायात व्यवस्था सुचरू बनाने में प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम, सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं मंगलमय यात्रा संपन्न कराने के लिए सभी सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं जुटाने में निरंतर प्रयासरत है। यात्रियों को रहने, खाने आदि की कोई असुविधा न हो इसके लिए

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जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में नगर पंचायत अगस्त्यमुनि द्वारा अतिथि देवो भवः की परम्परा एवं संस्कृति के अनुसार स्वागत करते हुए राजस्थान एवं मध्य प्रदेश से आए 263 तीर्थ यात्रियों को रहने एवं खाने-पीने का उचित प्रबंधन किया गया। वहीं देर रात तक सरस रेस्टोरेंन्ट में भी कई यात्रियों को निःशुल्क खाना खिलाया गया। यात्रियों ने जिल प्रशासन की इस पहल का स्वागत करते हुए आभार जताया। कहा कि निश्चित ही इस समय खाना मिलने से सफर में उनकी चिन्ता दूर हुई और उन्हें राहत मिली। केदारनाथ यात्रा पड़ाव फाटा, सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड आदि क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने के कारण जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को अगस्त्यमुनि एवं अन्य स्थानों पर सुरक्षा एवं सुव्यवस्थित यात्रा को संचालित करने के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ एवं उनके जल्दी से जल्दी केदारनाथ पहुंचने की जिद से कई बार यात्रियों की सुरक्षा कर्मियों से नौक झोंक भी हो रही है। कई बार सुरक्षाकर्मियों की जिद भी नौक झोंक का कारण बन रही है। अगस्त्यमुनि में सोमवार को दोपहर से ही बड़ी बसों को खेल मैदान में रोका गया। जिन्हें एक, दो घण्टे रोककर छोड़ा जा रहा था। सांय को आंधी एवं तेज बारिस के कारण यात्रियों को दो घण्टे से अधिक रोका गया था। यात्री बार बार उन्हें छोड़ने की मांग कर रहे थे। परन्तु उन्हें कुछ देर और रूकने को कहा गया। यात्रियों के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब उनसे पहले रूद्रप्रयाग की ओर से आने वाले वाहनों को छोड़ा जाने लगा। यात्रियों ने ऐसे वाहनों का रास्ता रोककर उन्हें खेल मैदान में भिजवाया। ऐसे में यात्रियों की आपस में भी तथा सुरक्षा कर्मियों के साथ भी काफी देर तक नौक झोंक होती रही। बाद में एसडीएम रूद्रप्रयाग आशीष घिल्डियाल के समझाने पर यात्री शान्त हुए। उसके बाद मैदान से पांच पांच बसों को एक साथ थोड़ी थोड़ी देर में छोड़़ा गया।