हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि।  दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में अब ग्रामीणों को अपने पालतू गौवंश को निराश्रित छोड़ना भारी पड़ सकता है। नगर पंचायत, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर ऐसे गौवंश के मालिक की पहचान कर उनके नाम सार्वजनिक करते हुए उन्हें नोटिस थमायेगा। साथ ही उनसे भारी जुर्माना भी वसूल किया जायेगा। ये निराश्रित पशु दिन रात सड़कों पर आवारा घूमते हुए यातायात को न केवल प्रभावित करते हैं बल्कि दुर्घटना का भी कारण बनते हैं, साथ ही नगर क्षेत्र से सटे ग्रामीणों के खेतों

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में घुसकर उनकी फसलों को नष्ट कर देते हैं। निराश्रित गौवंश के पशुओं की समस्या से आक्रोषित होकर नाकोट की महिलाओं ने प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी तथा महिला मंगल दल नाकोट की अध्यक्ष श्रीमती सर्वेश्वरी देवी गुसाईं के नेतृत्व में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सोंपकर इनसे निजात दिलाने की मांग की है। महिलाओं ने बताया कि नगर क्षेत्र में मौजूूद निराश्रित गौवंश पशुओं द्वारा रात्रि में गांव में आकर खेतों में खड़ी फसल को नुकसान किया जा रहा है। जिससे कास्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन निराश्रित गौवंश के कारण ग्रामीण रातभर जाग कर खेतों की रखवाली कर रहे हैं। इसके बाबजूद वे चकमा देकर खेतों में पहुंच रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि इनमें से कई पशुओं पर टैग लगा हुआ हैं। महिलाओं ने अधिशासी अधिकारी से इन टैगों से पशुओं के मालिक की पहचान कर उनके नाम सार्वजनिक करते हुए उन्हें नोटिस देने की मांग की। अधिशासी अधिकारी कैलाश पटवाल ने इस पर सहमति जताते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रूद्रप्रयाग से वार्ता कर टैग लगे निराश्रित गौवंश की पहचान करने में मदद देने का अनुरोध किया। जिस पर उन्होंने सहमति प्रदान की है। नगर पंचायत और पशुपालन विभाग के कर्मचारियों द्वारा शीघ्र ही इस कार्य को प्रारम्भ कर दिया जायेगा। पशुओं के मालिक का पता चलते ही उनका नाम सार्वजनिक करते हुए उन्हें नोटिस दिया जायेगा। साथ ही बिना टैग वाले निराश्रित पशुओं को लाइब्रेरी से आगे जहां पर गौधाम का निर्माण हो रहा है, वहां ले जाया जायेगा। वहां पर एक लम्बी सी हौदी बनाकर, नगर क्षेत्र से एकत्रित गीले कूड़े को डाला जायेगा, जो इन पशुओं का आहार बनेगा। तथा गौधाम बनने के बाद निराश्रित गौवंश को गौधाम में रखा जायेगा। ज्ञापन देने वालों में उमा कैन्तुरा, सीमा देवी, मीरा नेगी, कलावती, उत्तरा, बबीता, जगदम्बा, अश्णा, सरला, अंजू, आशा, सोनी, राखी, सुनीता गीता, कल्पेश्वरी पूजा आदि कई महिलायें रहीं।