नौजूला की आराध्य नारी माँ चण्डिका की बन्याथ प्रारंभ, बालदेव भगवान को लेने आए गरूड़, विदाई पर हुए भावुक
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07/06/202410:21 pm
दीपक बेंजवाल / नारी गाँव।
दस्तक पहाड न्यूज। तल्लानागपुर पट्टी के नौजूला की आराध्य मां भगवती चंडिका नारी देवी चारों दिशाओं की देवरा यात्रा पूरी आज अपनी बनातोली में महायज्ञ के लिए विराजमान हो गई। बता दें कि 17 मई से 3 जून तक मां चंडिका देवी ने घर देवरा यात्रा में नौजूला के गांवों का भ्रमण किया। इसके उपरांत 4 जून को मां भगवती चंडिका अपने मायके दरम्वाड़ी गांव पहुंची। जहां पर देवी ने अपने उत्पत्ति स्थल कनीर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ अपने मैतियों की कुशलक्षेम पूछी। देवी के स्वागत में दरम्वाड़ी ग्रामवासियों ने वस्त्राभूषण और कलेऊ की भेंट अर्पित की। 5 जून को मायके गांव से विदा लेकर मां चंडिका नारी देवी अपने मूल मंदिर में पहुंची।
6 जून देवी मलखाणा गई। जहाँ गायत्री शक्तियों के साथ देवी की रात्रि पूजा की गई। आज बृहस्पतिवार प्रातः देवी पुनः नारी गाँव पहुँची जहाँ देवी के साथ चल रहे बालदेव भगवान को लेने विष्णुलोक से गरूड़ का आगमन हुआ। इस परंपरा को गरूड़झाड़ कहा जाता है, यही से बालदेव भगवान विदा हो जाते है। यहाँ से देवी बनातोली पहुँची जहाँ जल कलश यात्रा, पंचांग पूजा, कुण्डगज के बाद वैदिक मंत्रोचार के साथ बन्याथ महायज्ञ प्रारंभ हुआ। इस महायज्ञ में देवी के आचार्य पोला के सेमवाल ब्राह्मणों के साथ मायकोटी और थलासू के वशिष्ठ, दरम्वाड़ी के दरमोड़ा ब्राह्मण द्वारा यज्ञ प्रारंभ हुआ। नारी देवी देवरा समिति के अध्यक्ष दीक्ष राज सजवाण के अनुसार 30 वर्ष बाद आयोजित हो रही देवी की बन्याथ 7 से 15 जून तक होगी। इस अनुष्ठान के तहत 8 से 13 जून तक प्रतिदिन गणेश पूजा, पंचांग पूजा, हवन यज्ञ होगा। साथ ही बनातोली में शीरा बर्त का निर्माण भी किया जाएगा। 14 जून को भव्य जलकलश यात्रा होगी और 15 जून को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ पूर्ण होगा। साथ ही मां चंडिका नारी देवी की सात माह की देवरा यात्रा भी संपन्न हो जाएगी। इसके उपरांत विधि-विधान के साथ मां चंडिका नारी देवी अपने मूल मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगी।
नौजूला की आराध्य नारी माँ चण्डिका की बन्याथ प्रारंभ, बालदेव भगवान को लेने आए गरूड़, विदाई पर हुए भावुक
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दीपक बेंजवाल / नारी गाँव।
दस्तक पहाड न्यूज। तल्लानागपुर पट्टी के नौजूला की आराध्य मां भगवती चंडिका नारी देवी चारों दिशाओं की देवरा यात्रा पूरी आज अपनी बनातोली में महायज्ञ के
लिए विराजमान हो गई। बता दें कि 17 मई से 3 जून तक मां चंडिका देवी ने घर देवरा यात्रा में नौजूला के गांवों का भ्रमण किया। इसके उपरांत 4 जून को मां भगवती चंडिका
अपने मायके दरम्वाड़ी गांव पहुंची। जहां पर देवी ने अपने उत्पत्ति स्थल कनीर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ अपने मैतियों की कुशलक्षेम पूछी। देवी के
स्वागत में दरम्वाड़ी ग्रामवासियों ने वस्त्राभूषण और कलेऊ की भेंट अर्पित की। 5 जून को मायके गांव से विदा लेकर मां चंडिका नारी देवी अपने मूल मंदिर में
पहुंची।
6 जून देवी मलखाणा गई। जहाँ गायत्री शक्तियों के साथ देवी की रात्रि पूजा की गई। आज बृहस्पतिवार प्रातः देवी पुनः नारी गाँव पहुँची जहाँ देवी के साथ चल रहे
बालदेव भगवान को लेने विष्णुलोक से गरूड़ का आगमन हुआ। इस परंपरा को गरूड़झाड़ कहा जाता है, यही से बालदेव भगवान विदा हो जाते है। यहाँ से देवी बनातोली पहुँची
जहाँ जल कलश यात्रा, पंचांग पूजा, कुण्डगज के बाद वैदिक मंत्रोचार के साथ बन्याथ महायज्ञ प्रारंभ हुआ। इस महायज्ञ में देवी के आचार्य पोला के सेमवाल
ब्राह्मणों के साथ मायकोटी और थलासू के वशिष्ठ, दरम्वाड़ी के दरमोड़ा ब्राह्मण द्वारा यज्ञ प्रारंभ हुआ। नारी देवी देवरा समिति के अध्यक्ष दीक्ष राज सजवाण
के अनुसार 30 वर्ष बाद आयोजित हो रही देवी की बन्याथ 7 से 15 जून तक होगी। इस अनुष्ठान के तहत 8 से 13 जून तक प्रतिदिन गणेश पूजा, पंचांग पूजा, हवन यज्ञ होगा। साथ ही
बनातोली में शीरा बर्त का निर्माण भी किया जाएगा। 14 जून को भव्य जलकलश यात्रा होगी और 15 जून को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ पूर्ण होगा। साथ ही मां चंडिका नारी
देवी की सात माह की देवरा यात्रा भी संपन्न हो जाएगी। इसके उपरांत विधि-विधान के साथ मां चंडिका नारी देवी अपने मूल मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो
जाएंगी।