हाई पावर कमेटी ने हिल कटिंग पर लगी रोक हटाई, अगस्त्यमुनि बाईपास निर्माण की उम्मीद जगी, केदारनाथ राजमार्ग में 13 किमी मार्ग बनेगा डबल लेन, 7 मीटर बढ़ेगी रोड़ की चौड़ाई
1 min read17/07/2024 7:54 pm
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज। अगस्त्यमुनि बाईपास को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रही स्थानीय जनता और व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने आखिरकार बड़ी सौगात दे दी है।
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उत्तराखंड चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने की वजह से धामों की ओर जाने वाली सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है खासकर केदारनाथ धाम मार्ग के अगस्त्यमुनि से फाटा तक काफी अधिक जाम लगता है, क्योंकि ये सड़क सिंगल लेन है लेकिन अब केदारनाथ धाम जाने वाली राह और आसान हो जाएगी। दरअसल, इन मार्गों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने अनुमति दे दी है। हाई पावर कमेटी की अनुमति मिलने के बाद अब केदारनाथ धाम की इस सड़कों की चौड़ाई को बढ़ाया जा सकेगा जिससे यातायात और अधिक सुगम होगा।
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी आस्था को देखते हुए चारधाम यात्रा मार्ग को पिछले कुछ सालों में काफी बेहतर किया गया है लेकिन केदारनाथ धाम मार्ग के अगस्त्यमुनि से फाटा कुंड बाईपास तक यानी करीब 13 किमी की सड़क सिंगल लेन है। जिसके चलते कई बार जाम की वजह से यातायात प्रभावित होती रहती है। लेकिन अब इस सड़क की चौड़ाई बढ़ाने से यातायात न सिर्फ सुगम होगा, बल्कि जाम की बनने वाली स्थिति भी समाप्त होगी। सड़क चौड़ीकरण के लिए पहाड़ के काटने पर करीब पांच साल पहले रोक लग गई थी जिसके चलते केदारनाथ धाम की सड़क के चौड़ीकरण का मामला रुका हुआ था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इस सड़क की चौड़ाई करीब 7 मीटर तक बढ़ाई जा सकती है। बता दें अगस्त्यमुनि नगर में आपदा के बाद राजमार्ग को सुरक्षित, सुगम और सुचारू यातायात के लिए नया समरेखण किया गया, जिसमें जमीन अधिग्रहण का मुआवजा वितरण के बाद अस्सी प्रतिशत हिल कटिंग भी कर लिया गया था, लेकिन बाद में इस पर रोक लगा दी गई। बताया गया था कि विजयनगर-पुरानादेवल-बेेड़ूबगड तक का राष्ट्रीय राजमार्ग नये समरेखण के साथ अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र के ऊपर शिफ्ट किया जाएगा। जिससे केदारनाथ यात्रा में इस स्थान पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। हालाँकि पुराने मार्ग पर भी चौड़ीकरण की कार्यवाही की जानी है, जिससे बड़ी संख्या में दुकानें प्रभावित होंगी। व्यापार संघ का कहना है सैैंकड़ो परिवारों की आजीविका और रोजगार बचाने की प्राथमिकता में बाईपास को विकल्प बनाया जाना चाहिए, ताकि लोग उजड़ने से बचाऐ जा सके।
अगस्त्यमुनि की जनता ने इस बाईपास निर्माण को जल्द-से-जल्द शुरू करने के लिए कई बार आन्दोलन भी किया। वही एचपीसी द्वारा रोक हटाने पर अगस्त्यमुनि बाईपास निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह नेगी, व्यापार संघ अध्यक्ष त्रिभुवन नेगी ने खुशी जताते हुए इसे जन संघर्ष की जीत बताया है। बाईपास निर्माण संघर्ष समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी ने कहा एचपीसी की रिपोर्ट के बाद इस पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाना चाहिए, हमने शासन प्रशासन को 1 सितम्बर तक का अल्टीमेटम दिया है अगर फिर भी कार्य शुरू नहीं होता है तो हैं 2 सितम्बर से हम आंदोलन शुरू करेंगे।
इधर एनएच के मुख्य अभियंता दयानंद के अनुसार, मार्ग के लिए हाई पावर कमेटी से अनुमति मिल गई है ऐसे में अब मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सोनप्रयाग में रिंग रोड की संभावना
केदारनाथ धाम आने वाले यात्री अपने वाहनों से सोनप्रयाग तक पहुंचते हैं, इसके बाद गौरीकुंड के लिए शटल सेवा संचालित होती है। सोनप्रयाग में वाहनों के दबाव से निपटने के लिए बाइपास की योजना बनाई गई थी, पर वह आगे नहीं बढ़ सकी। एनएच के अधिकारियों के अनुसार जो मौजूदा मार्ग था, उसकी क्षमता वृद्धि की गई थी। अब नदी के दोनों तरफ से करीब तीन किमी लंबाई का एक रिंग रोड बनाने की योजना है, जिससे वाहनों का आवागम को बेहतर किया जा सके। इस काम के लिए पुल निर्माण भी होगा।
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