अनुसूचित जाति के युवक ने ढोल नहीं बजाया तो पूरे समाज का बहिष्कार, न पानी पीने दे रहे न दुकानों से लेने दिया सामान, वाहन में बिठाने पर भी प्रतिबंध
1 min read19/07/2024 7:31 am
दस्तक पहाड न्यूज / जोशीमठ।
भारत चीन की सीमा को जोड़ने वाली नीती घाटी में सुभाई गांव पड़ता है। इस गांव में पीढ़ियों से अनुसुचित जाति के 10 परिवार निवास करते हैं। इन परिवारों के ज्यादातर लोग गांव में होने वाले देव उत्सव ,धार्मिक सामाजिक और अन्य मांगलिक कामों में ढोल बजाने का काम भी करते हैं। गांव में 12 जुलाई की देर शाम को बगड़वाल देवता के नृत्य का आयोजन किया गया था।
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उत्तराखंड के जोशीमठ का बदरीनाथ जी का गांव जिसे सुभाई गांव के नाम से पुकारा जाता है पिछले पांच दिनों से चर्चा में हैं। यहां पर सामान्य वर्ग के लोगों और अनुसुचित जाति के लोगों के बीच कुछ दिनों से मतभेद गहराते जा रहे हैं। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने ढोल बजाने वाले लोगों के लिए जाति सुचक शब्दों का इस्तेमाल किया और पंचायत बैठाकर इन सभी परिवारों के सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया वहीं पुलिस ने गांव के कुछ अनुसुचित जाति के लोगों की लिखित तहरीर मिलने और प्रारंभिक जांच के बाद गांव के 28 सामान्य वर्ग के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। भारत चीन की सीमा को जोड़ने वाली नीती घाटी में सुभाई गांव पड़ता है। इस गांव में पीढ़ियों से अनुसुचित जाति के 10 परिवार निवास करते हैं। इन परिवारों के ज्यादातर लोग गांव में होने वाले देव उत्सव ,धार्मिक सामाजिक और अन्य मांगलिक कामों में ढोल बजाने का काम भी करते हैं। गांव में 12 जुलाई की देर शाम को बगड़वाल देवता के नृत्य का आयोजन किया गया था।
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जातीसूचक शब्दों का इस्तेमाल
ढोल वादक पुष्कर लाल जिनकी उम्र लगभग 60 साल है को इस दैविक काम में ढोल बजाने जाना था लेकिन बिमार होने के कारण वो नहीं जा सके, जिसके बाद 13 जुलाई को ढोल वादक शंकर लाल और सुल्पी लाल गांव के चौपाल में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में ढोल बजाने पहुंचे तो आरोप है कि सबसे पहले गांव की एक महिला की इन दोनों से कहासुनी हुई जिसके बाद गावं के पंचायती सदस्यों ने अपनी स्थानीय भाषा में उनके लिए जातीसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। शंकर लाल ने आरोप लगाया कि इस दौरान गांव के ज्यादातर लोगों ने उनके साथ काफी बहस की यहां तक की बात धक्का मुक्की तक भी पहुंच गई।
10 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार
आरोप है कि ग्रामीणों द्वारा बुलाई गई पंचायत में अनुसूचित जाति के सभी 10 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार का आदेश सुनाया गया। जिसके तहत अनुसुचित जाति के परिवारों को गांव के पानी का इस्तेमाल करने, सार्वजनिक रास्तों का उपयोग करने, दुकानों से सामान खरीदने, वाहनों से आने जाने, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही यह भी फैसला सुनाया गया है कि यदि कोई इन परिवारों को गांव की दुकान से सामान देगा या वाहनों पर बैठाएगा तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही होगी।
28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं अनुसुचित जाति के लोगों की तहरीर मिलने और प्रारंभिक जांच के बाद गांव के 28 सामान्य वर्ग के लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर दिया गया है। सुभांई गांव में हुए इस भेदभाव के बाद पूरे विकासखंड जोशीमठ में आक्रोष है। एससी समुदाय के लोगों ने जोशीमठ नगर पालिका भवन में महापंचायत कर आगे की रणनीति पर चर्चा की और कहा कि जब तक उनके साथ न्याय नहीं होता वो लोग तब तक चुप नहीं बैठेंगे।
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अनुसूचित जाति के युवक ने ढोल नहीं बजाया तो पूरे समाज का बहिष्कार, न पानी पीने दे रहे न दुकानों से लेने दिया सामान, वाहन में बिठाने पर भी प्रतिबंध
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