दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड न्यूज  उत्तराखण्ड बने 24 साल पूरे होने को है लेकिन कालीमठ घाटी के स्याँसूगढ़ के लिए सरकारों का अंधेरा अभी भी छटा नहीं है। यह तब है जब जीत का वरदान पाने के लिए कालीमठ में सर नवाने केन्द्र से लेकर राज्य के तमाम नेता पहुंचते रहे। और आज एक बार फिर जब राज्य सरकार केदारनाथ को लेकर पूरे देश में सुर्खियों में है तब उसी केदारनाथ विधानसभा के इस गांव में दो बार मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सड़क नहीं पहुँच पाई। अब हालिया उपचुनाव में कालीमठ घाटी सुर्ख़ियो में है ऐसे में

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अहम सवाल है क्या इसी विकास के लिए हम वोट दें ? सरकार और शासन से नाराज़गी को लेकर आज बृहस्पतिवार ग्राम सभा स्याँसूगढ़ में ग्रामवासियों ने बैठक कर अपना विरोध जताया, ग्रामीणों का कहना था कि सरकार ने इतने सालों में हमारी बात क्यों नहीं सुनी। जबकि दो बार खुद मुख्यमंत्री ने सड़क की घोषणा की थी। ग्राम प्रधान राकेश रावत का कहना है कि सरकार और शासन केवल झूठी घोषणाऐ और कोरे आश्वासन देते रहे, लेकिन आज तक धरातल पर कार्य शुरू नही हुआ। वही बैठक में पहुंचे कालीमठ के जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने मौके पर पीडब्लूडी के अधिकारियों से वार्ता की जिसमें अधिकारियों द्वारा फाईल शासन में लंबित होना बताया गया। इस पर नाराजगी जताते हुये जिला पंचायत विनोद राणा के कहा कि दो दो बार मुख्यमंत्री का घोषणा का पालन न होना दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार को संज्ञान लेना चाहिये, उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अन्दर वह एक शिष्ट मंडल लेकर जिलाधिकारी के पास जाएंगे। बैठक में पूर्व प्रधान चन्द्र सिंह रावत, नवयुवक दल अध्यक्ष मुकेश रावत, ममंद अध्यक्षा श्रीमती इन्द्रा देवी, कुंवर सिंह रावत, गबर सिंह रावत, चन्द्र सिंह रावत, भगत सिंह, दिलमादेवी, पुष्पादेवी, ऊषादेवी, अंकित रावत, आनंद रावत सहित ग्रामीण उपस्थित हुए।