गंगानगर-पठालीधार सड़क, जान हथेली पर सफर, आफत में 80 गाँव की जनता पर घमंडी सरकार और ढीठ विभाग नहीं देते राहत
1 min read07/08/2024 4:35 pm
हरीश गुसांई / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। विजयनगर पठालीधार मोटर मार्ग गंगानगर के पास भारी बरसात होने पर भूस्खलन से बार बार बाधित होने से 80 से अधिक ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जान हथेली पर रखकर इस सड़क पर आवागमन कर रहे हैं। इस सड़क का स्थाई हल निकालने के लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण समय समय पर शासन प्रशासन पर दबाब बनाते हुए वार्ता एवं आन्दोलन करते रहे हैं। अब इस आन्दोलन में अगस्त्यमुनि की टैक्सी यूनियन भी कूद पड़ी है, और सड़क के स्थाई हल हेतु क्षेत्रीय जनता का साथ दे रही हैं। महर्षि अगस्त्य जीप टैक्सी कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बार बार सड़क के बाधित होने पर वाहन चालकों/मालिकों को भारी नुकसान होने की बात कही है। कई बार तो यात्रियों की मजबूरी एवं जिद के कारण वाहन चालक क्षतिग्रस्त सड़क पार कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष विवेक बुटोला, उपाध्यक्ष विनोद आर्य, सचिव पंकज, कोषाध्यक्ष राजदीप बर्त्वाल तथा सहसचिव भूपेन्द्र राणा ने बताया कि इस सड़क से तिमली बड़मा, तैला सिलगढ़, पठालीधार डडोली, बसुकेदार तथा स्यूर के लिए प्रतिदिन सैकड़ों यात्री आवागमन करते हैं। जिसमें आधे से अधिक विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाऐं एवं अन्य कर्मचारी हैं। जिसके लिए 30 से अधिक छोटे वाहन रोजाना इन यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। सड़क बाधित होने पर यात्री तो उतर कर पैदल चला जाता है। परन्तु छोटे वाहन गंगानगर के दूसरी ओर फंस जाते हैं। जो कभी कभी चार पांच दिन तक फंसे रहते हैं। ऐसे में उन वाहन चालकों/मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार बरसात के मौसम में बैंक की किस्त भी जमा नहीं कर पाते हैं। यदि शासन प्रशासन इस सड़क का स्थाई हल नहीं निकाल पाया तो टैक्सी यूनियन जनता के साथ मिलकर आन्दोलन करने पर मजबूर होगी। यहां बता दें कि यह सड़क पिछले वर्ष हुई भीषण बरसात के कारण गंगानगर के पास पूरी तरह से वाश आउट हो गई थी। तब लोनिवि ने किसी तरह यहां पर आवागमन के लिए सड़क तैयार की थी साथ ही नदी को चैनालाइज करने का कार्य भी किया था। और वैकल्पिक मार्ग हेतु बाई पास का विकल्प बनाया था। परन्तु एक वर्ष बीत जाने पर भी वन विभाग से 40 पेड़ों के कटान की अनुमति न मिलने से यह विकल्प परवान नहीं चड़ पाया। पिछल वर्ष हुए नदी चैनालाइज का कार्य इस वर्ष बरसात प्रारम्भ होते ही बराबर हो गया। अब यह सड़क हल्की बरसात होते ही बाधित हो जाती है। जिस पर चलना किसी खतरे से कम नहीं है।
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