कोलकाता की घटना के विरोध में मन्दाकिनी घाटी के डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और मेडिकल स्टाफ ने अगस्त्यमुनि में निकाली रैली, कैंडल मार्च कर पीड़िता को दी श्रद्धांजलि
1 min read18/08/2024 6:54 pm
दस्तक पहाड न्यूज / अगस्त्यमुनि।
कोलकाता में महिला डॉक्टर की जघन्य हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ तथा डॉक्टर्स पर उन्मादियों की भीड़ के द्वारा हमले के खिलाफ शनिवार को सीएचसी अगस्त्यमुनि और मन्दाकिनी घाटी में तैनात सभी डॉक्टर्स , फार्मसिस्ट, मेडिकल स्टाफ ने सड़क पर उतरकर पीड़िता को न्याय को लेकर आवाज बुलंद की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर देशभर में शासकीय व निजी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज सहित नर्सिंग होम एवं प्राइवेट क्लिनिक की ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। वही अस्पताल प्रबंधन ने आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था को सुचारु रूप से चालू रखते हुए गंभीर व आकस्मिक मरीजों का ईलाज जारी रखा।
Advertisement

Advertisement

Read Also This:
शनिवार को सीएचसी अगस्त्यमुनि में भी घटना के विरोध में कार्य बहिष्कार किया गया। फार्मसिस्ट अफिसर केके सेमवाल ने कोलकात्ता और रूद्रपुर में हुई घटना की निंदा करते कहा कि यह पूरे डाक्टर दिन रात मानवता की सेवा में लगे है ऐसी वीभत्स घटनाऐ शर्मनाक है, इनके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। वही सीएचसी भवन में इकठ्ठे हुए घाटी ने डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ ने शाम को अगस्त्यमुनि बाजार में कैण्डिल मार्च निकाला। रैली के बादमौन रखकर दिवंगत महिला चिकित्सक को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान डाॅ राजीव चौधरी, डाॅ अक्षिता, डा दीपाली नौटियाल, डाॅ ज्योति शाह, डाॅ गीता, फार्मसिस्ट के के सेमवाल, डी एल मंगवाल, सौरभ बिष्ट, जयदीप नेगी, नर्सिंग स्टाफ नवी खाती, राहुल, आशुतोष बर्त्वाल , कुलदीप, प्रमोद, सुनील बिष्ट , शशिकांत, नोविता, सुमनलता आदि मौजूद रहे।
कोलकाता केस : मुश्किलों से लड़कर बनी थी डॉक्टर, क्या पता था अपने ही ‘दूसरे घर’ में नोचकर मार डालेंगे दरिंदे
माता-पिता, दोस्त, शिक्षक उसके लिए एक ही शब्द कहते हैं: योद्धा। आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या की शिकार हुई 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का सपना गोल्ड मेडल हासिल करने का था। दर्जी पिता ने बेटी को पढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत की। बेटी ने भी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिंदगी भर परिवार ने संघर्ष किया। बेटी ने कोलकाता के घनी आबादी वाले उपनगर सोदेपुर से आरजी कर तक का सफर तय किया। अब बेटी की बारी परिवार का कर्ज चुकाने की थी लेकिन वह अपने माता-पिता का जीवन बेहतर बनाए बिना ही इस दुनिया से चली गई।महिला डॉक्टर के 67 वर्षीय पिता ने कहा, ‘हम एक गरीब परिवार हैं और हमने उसे बहुत मुश्किलों से पाला है। उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत मेहनत की। हमारे सारे सपने एक रात में टूट गए।’ सभी बंगाली परिवारों की तरह, उसका परिवार भी अक्टूबर में दुर्गा पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, जिसका एक विशेष अर्थ था क्योंकि उनकी बेटी ने 2021 से घर पर पूजा का आयोजन करना शुरू कर दिया था।
दुर्गा पूजा की घर में थी तैयारी
मां ने बताया कि यह हमारे घर पूजा का तीसरा साल था और उसकी इस बार एक बड़ी पूजा आयोजित करने की योजना थी। यह एक विशेष अवसर था क्योंकि वह अपनी पीजी की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। उन्होंने कहा कि अब, हम चाहते हैं कि सभी दोषियों की गिरफ़्तारी हो और उन्हें कड़ी सज़ा मिले। सिर्फ यही उसकी आत्मा को शांति दे सकता है।
इंजीनियरिंग छोड़कर चुना मेडिकल
परिवार में सब उसे अच्छे अकादमिक स्कोर और मृदुभाषी व्यवहार के लिए एक रोल मॉडल के रूप में जानते थे। एक रिश्तेदार ने कहा, ‘उसने JEE और मेडिकल दोनों में सफलता प्राप्त की। उसने MBBS चुना और दो सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोर्स के लिए क्वालिफाई किया। आखिरकार, उसने कल्याणी में JNM मेडिकल कॉलेज अस्पताल को चुना। जब उसने PG करने का फ़ैसला किया, तो उसने दो मेडिकल कॉलेजों में क्वालिफाई किया और RG Kar (जो उसके सोदेपुर घर से बस से लगभग एक घंटे की दूरी पर है) को चुना।’
हमेशा से रही होनहार
वह एक पढ़ने-लिखने वाली बच्ची थी। उसने माध्यमिक (कक्षा 10 राज्य बोर्ड) में 90% और उच्चतर माध्यमिक में 89% अंक प्राप्त किए थे। महिला डॉक्टर की मां (62) ने कहा कि वह उनकी इकलौती बेटी थी। उनका जीवन सिर्फ़ उसके इर्द-गिर्द ही घूमता था। उन्होंने कहा, ‘वह हमारे लिए सब कुछ थी।’
मरीजों की सेवा में बिताती थी समय
एमबीबीएस छात्रों के एक बैच से, जिन्होंने अपना काम सीखते समय कोविड महामारी को देखा था, उसने श्वसन चिकित्सा को अपनी विशेषज्ञता के रूप में चुना था। आरजी कर को वह अपना दूसरा घर कहती थी। उसने खुद को मरीजों के इलाज में डुबो दिया था। लंबे समय तक काम करने और पढ़ाई-लिखाई में व्यस्त रहने के कारण उसे सोने के लिए भी समय नहीं मिलता था।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।
यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन
कोलकाता की घटना के विरोध में मन्दाकिनी घाटी के डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और मेडिकल स्टाफ ने अगस्त्यमुनि में निकाली रैली, कैंडल मार्च कर पीड़िता को दी श्रद्धांजलि
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129