दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड न्यूज।। केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि के प्राचार्य की कथित तानाशाही से आजिज अभिभावकों ने बुद्धवार को विद्यालय में आये केन्द्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त से मिलकर प्राचार्य के खिलाफ एक ज्ञापन दिया और तत्काल कार्यवाही की मांग की। कहा कि अध्यापकों, छात्रों और अभिभावकों द्वारा उच्च स्तर पर शिकायत करने के बाबजूद भी कार्यवाही न होने से अभिभावक आक्रोशित हैं।

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  मौके पर मौजूद तहसीलदार रामकिशोर ध्यानी से अभिभावकों का कहना था कि वे अपने पाल्यों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और यदि केन्द्रीय विद्यालय संगठन इन पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है तो जल्द ही अभिभावक जिलाधिकारी कार्यालय में जाकर प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे। अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। वहीं कुछ टीचर पहले ही इस उत्पीड़न से तंग आकर अपना ट्रांसफर ले चुके हैं और कुछ दिन पूर्व ही व्यायाम शिक्षक को जबरदस्ती अनफिट बताकर विद्यालय आने से रोका जा रहा है। केवि संगठन की ओर से एक टीम अभिभावकों एवं शिक्षकों की शिकायत के बाद बुधवार को यहाँ पहुंची और पीड़ित बच्चों और अभिभावकों का पक्ष जाना। अभिभावकों ने जांच टीम को बताया कि 6 माह से उच्चस्तर पर शिकायत कर चुके है लेकिन ऊंची पहुंच के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। बीते अप्रैल माह में भी इस शिकायत पर जांच टीम आई थी, कोई भी कार्यवाही न होने से प्राचार्य के हौंसले बुलंद है। वहीं उत्पीड़न के चलते 10 टीचरो ने ट्रांसफर ले लिया। टीम ने बताया कि हमने सबका लिखित फीडबैक ले लिया गया है। जिसे उच्चाधिकारियांे के सम्मुख रखा जायेगा। जो भी निर्णय होगा वहीं से होगा। [caption id="attachment_38606" align="alignnone" width="696"] शिकायत पत्र[/caption] बताया जा रहा है कि उत्पीड़न के इन आरोपों के पीछे पिछले कुछ समय से सुगबुगाहट चल रही थी जिसे मैनेज करने के लिए केवि स्टाफ द्वारा कुछ बच्चों के घर जाकर दबाव डालते हुए अपने पक्ष में लिखित पत्र तक ले लिए गए। बताया तो यह भी जा रहा है कि जांच टीम की व्यवस्था भी प्राचार्य द्वारा ही की गई। ऐसे में अभिभावक जांच टीम से सन्तुष्ट नहीं दिखे। वहीं आज जांच टीम के आने से पहले ही नाराज अभिभावक के प्रति डिवाइड एण्ड रूल की पॉलिसी अपनाते हुए कुछ अभिभावकों की बंद कमरे में बैठक कर खास तरीके से मैनेज किया गया। बताया गया कि सब कुछ नियमबद्ध है, पठन-पाठन को लेकर कोई समस्या नहीं है। टीचरों के ट्रांसफर भी रूटीन पॉलिसी के तहत हुए है। कुछ अभिभावकों से इस सम्बन्ध में बात करने की कोशिश की गई तो बच्चों के भविष्य से चिंतित अभिभावक खुलकर सामने नही आये, उनका कहना है कि कल उनके बच्चों के साथ कुछ गलत कर दिया गया तो कौन जिम्मेदार रहेगा। केवि अगस्त्यमुनि की स्थापना को लेकर हुए जनांदोलन में शामिल पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल केवि की इस दुर्दशा पर दुखी होते बोले कि स्थापना के बाद से यह विद्यालय कीर्तिमान स्थापित कर रहा है लेकिन ऐसी घटना चिंतनीय है। वो खुले तौर पर कहते है कि एक जनप्रतिनिधि के रूप जनता की बात रखना उनका कर्तव्य है। केवि द्वारा बच्चों, पेरेंट्स, टीचर की जासूसी कारवाई जा रही है। नौवी कक्षा में पढ़ने वाला प्राचार्य का लड़का प्रिसिंपल बना है उसके आधार पर विद्यालय चल रहा है। यहाँ से अधिकांश टीचर ट्रांसफर ले चुके है जो यहाँ है उन्हें जबर्दस्ती मेडिकल अनफिट कर छुट्टी पर भेजा जा रहा है। बच्चों पर कोई गलत कार्यवाही न हो इसकी डर से अधिकांश अभिभावक चुप्पी साधे हैं। जांच टीम को दिए ज्ञापन में मनोज राणा, बुद्धिसिंह नेगी, शशि नैथानी, संगीता, मीरा नेगी, विनीता कुंवर, आरती देवी, अन्जू, सुनीता त्रिपाठी, उपासना शर्मा, मंजू चौधरी, अरविन्द सिंह, आरती बिष्ट, सहित कई अभिभावकों के हस्ताक्षर रहे।   वहीं केवि अगस्त्यमुनि की प्राचार्य अदिति नेगी ने सभी आरोपो को सिरे से नकार दिया। कहा कि शिक्षकों के तबादले उच्च स्तर से रूटीन प्रक्रिया के तहत हुए हैं। उनकी जगह पर कुछ नियमित शिक्षक आये हैं। अन्य के स्थान पर कान्ट्रैक्ट आधार पर शिक्षक आ चुके हैं। उन्होंने अभिभावकों द्वारा लगाये आरोपों को निराधार बताकर ऐसे अभिभावकों को किसी के बहकावे में आने की बात कही है। कहा कि जांच टीम विद्यालय में आई है और उन्होंने सभी का फीडबैक लिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जो भी निर्णय होगा विद्यालय एवं छात्र हित में होगा।