दस्तक पहाड न्यूज  / अगस्त्यमुनि। केदारघाटी के विभिन्न गांवों में इन दिनों फेरी फड़ और बाहरी लोगो को लेकर असुरक्षा की भावना उपज रही है। तेजी से वीरान हो रहे गाँव के लोक देवता भी इनके निशाने पर है। कुछ माह पूर्व केदारघाटी के सीमांत गाँव डुंगर भट्टवाड़ी के नृसिंह मंदिर और पौंला गाँव नागबिच्छु मंदिर से चोर लाखों रूपयों की घण्टियाँ और चाँदी के निशानों को लेकर गायब हो गए। कुछ दिनों बाद इसी क्षेत्र के एक और मंदिर में संदिग्ध सब्जी बेचने के नाम पर आया एक गैर मुस्लिम स्थानीय युवाओं की

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सक्रियता के कारण पकड़ा गए तो दूसरा भागने मे सफल हुआ। चोरी के ये मामलो को ऐज भी पुलिस नही सुलझा पाई है। वही फड़ फेरी वालो की बढ़ती आवाजाही से स्थानीय ग्रामीण आशंकित है। इसी के चलते कुछ गाँवों में गैर हिन्दुओं के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्ड सुर्खियों में हैं। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने ये बोर्ड लगाकर विशेष समुदाय को चेतावनी दी है कि वे अगर गांव में प्रवेश करेंगे तो उन्हें पांच हजार का अर्थदंड के साथ कानूनी कार्यवाही की जाएगी. हालांकि इन साइन बोर्ड के लगने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई है और गैर हिन्दुओं के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्डो को हटाने में लगी है, जबकि इस मामले में हिन्दू धर्म के संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। देवभूमि उत्तराखंड की शांत वादियां में अब धीरे-धीरे अशांति का माहौल देखने को मिल रहा है। जगह-जगह विशेष समुदाय की ओर से की जा रही हरकतों से जहां हिन्दू संगठनों में आक्रोश बना हुआ है. वहीं वर्षों से अपने मठ-मंदिरों की रक्षा करने वाले लोग भी जागरूक होने लगे हैं और वे अब सीधे तौर पर विशेष समुदाय के लोगों का विरोध करने लगे हैं. पिछले दिनों चमोली जिले के नन्दप्रयाग में नाई की दुकान चलाने वाले विशेष समुदाय के व्यक्ति ने हिन्दू लड़की के साथ छेड़खानी की, जबकि श्रीनगर गढ़वाल में विशेष समुदाय के नाई फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर हिन्दू लड़कियों को बहला फुसलाकर भगाने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही केदारघाटी में भी आये दिन गैर हिन्दुओं की आबादी बढ़ती जा रही है। यहां भवन बनाने से लेकर, सैलून व सब्जी बेचने तथा केदारनाथ पैदल पड़ावों में घोड़े-खच्चर मजदूरी का कार्य भी गैर हिन्दू के लोग कर रहे हैं। इनको यात्रा मार्ग पर जहां-तहां रोजगार मिल रहा है. इसके साथ ही ये गैर हिन्दू गांवों में जाकर लोगों को बेवकूफ बनाने का कार्य भी कर रहे हैं। केदारघाटी में बढ़ रही गैर हिन्दुओं की आबादी से हिन्दू संगठनों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है और केदारघाटी के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मुहिम छेड़ी गई है जिसके तहत गैर हिन्दुओं के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश को लेकर पाबंदी लगाने के लिए सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं. जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर विशेष समुदाय के लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वे अगर गांव में प्रवेश करेंगे तो उन्हें पांच हजार का अर्थदंड के साथ उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बताया कि आए दिन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को भगाने के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर हिन्दू समुदाय के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्ड सामाजिक सौहार्द को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। जिन जगहों पर ये बोर्ड लगाए जा रहे हैं, उन स्थानों से इन बोर्डों को हटवाया जा रहा है. इसके साथ ही ग्राम प्रधानों को सख्त चेतावनी दी गई है कि वे इस तरह से बोर्ड ना लगाएं। ग्राम प्रधानों के साथ ही किसी अन्य व्यक्ति को भी इस तरह के बोर्ड लगाने का अधिकार नहीं है।. अगर ऐसा किया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वही इस संबध में पत्रकार अनसूया प्रसाद मलासी कहते है उत्तराखंड के गांवों में फेरी और कबाड़ी की आड़ में बाहरी लोगों का अनावश्यक हस्तक्षेप बढ़ गया है। गांवों में अभी भी लोग खेती-बाड़ी के कामों में जाते हैं तो घर में ताले नहीं लगाते। ऐसे में यह बाहरी तस्कर, चोर और माफिया तंत्र का गांवों में सीधा प्रवेश बहुत ही गंभीर मामला है। अगर पुलिस इन "बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित" बोर्ड को हटवाती है तो पुलिस गांवों की सुरक्षा व्यवस्था की गारंटी दे।गाँवों में जिनके मकानों में बाहरी मजदूर/ कारीगर लगे हैं, उनके सत्यापन की जिम्मेदारी उस मकान स्वामी की होनी चाहिए। मैं तो अपने गांव में यह बोर्ड लगवा रहा हूँ। रुद्रप्रयाग बाजार में सोमवार में इस मुद्दों पर हिंदू संगठनों द्वारा विशाल जुलूस प्रदर्शन किया गया। जिसमें ¥गैर हिंदुओं द्वारा पहाड़ में तेजी से बढ़ती घुसपैठ और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ नगर में जबरदस्त नाराजगी जाहिर की गई।   सभा संबोधित करते विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल (हिंदू संगठनों) के नेता ने स्थानीय निवासियों से  बाहरी लोगों को दुकान /मकान न देने का आह्वान किया है।