उत्तराखण्ड के पांच युवाओं ने रचा कीर्तिमान, दुनिया में सर्वाधिक ऊँचाई वाले मंदिर तुंगनाथ से दुर्गम खमदीर-नंदीकुण्ड ट्रैक से होते हुए पहली बार मध्य मध्यमहेश्वर  दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज ।। जिन के मज़बूत इरादे बने पहचान उन की, मंज़िलें आप ही हो जाती हैं आसान उन की.....सचमुच पहाड़ के पांच युवाओं ने अपने मजबूत हौसलों से एकबार फिर दुनिया के सामने सफलतापूर्वक दुर्गम ट्रैक को भेदने का कीर्तिमान स्थापित किया है। एडवेंचर टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह दुर्गम

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ट्रैक चोपता (तुंगनाथ) से बिसुणीताल -खमदीर-नंदीकुण्ड होते हुए पहली बार मध्यमेश्वर है। जिसे पहाड़ के पांच होनहार युवा ट्रैकर संजय, ग्राम बड़ासू, विनय नेगी बडियारगढ़ टिहरी, अजय पंवार, ग्राम गौण्डार, अभिषेक पंवार ग्राम गौण्डार ( और विपिन सिंह निवासी ग्राम डांगी, अगस्त्यमुनि ने खोजा है।इन युवाओं ने 20 सितंबर से 26 सितम्बर तक चोपता (तुंगनाथ) से बिसुणीताल - खमदीर-नंदीकुण्ड होते हुए मध्यमेश्वर तक 80 किलोमीटर की ट्रैकिंग की जिसमें सबसे अधिक ऊँचाई खमदिर के निकट अनाम पास (4900मी0) थी। इस यात्रा में शामिल मध्यमेश्वर से रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर से कल्पेश्वर, चौमासी से हथनी टॉप होते हुए केदारनाथ यात्राओं के अनुभवी गौण्डार गाँव के युवा अभिषेक पंवार बताते हैं कि हमने इस अन्वेषण अभियान के लिए पिछले छः माह से इसके डीजिटल रूट बनाने को लेकर रिसर्च की थी जिसमें कि हमने भारतीय सर्वेक्षण विभाग (survey of India) के विभिन्न टोपोग्राफिक सीट अथवा मैप्स, गूगल अर्थ, गूगल मैप, पीक फांडर और गाईया साफ्टवेयर मैप की मदद ली। हमने इस यात्रा के लिए दो डीजिटल रूट बनाये थे जिसमें एक मुख्य मार्ग था और दूसरा बैकल्पिक मार्ग। पहले दिन हमारी टीम ने चोपता से मर्तोली, चित्रा वड्यार होते हुए बिसुड़ीताल पहुँची। इस दिन कुल 16 किमी0 दूरी तय की। दूसरे दिन टीम बिसुड़ीताल से दवा-मरूड़ा और डगडनिया खाल होते हुए आगे बढ़ी मौसम खराब होने के कारण ही कैंप करना पड़ा। इस दिन कुल 13 किमी0 की दूरी तय की। तीसरे दिन टीम खमदीर पास (4500मी0) पहुँची और कैंप किया । इस दिन कुल 14 किमी की दूरी तय की। चौथे दिन‌ टीम कैंपिंग स्थल से दो ग्लेशियर पार कर शेषनाग कुण्ड और नंदी कुण्ड होते हुए पाण्डव सेरा पहुँची । इस दिवस कुल 14 किमी की दूरी तय की और पाँचवे दिन वे सेरा गाड़ और द्वारी गदेरा को पार करते हुए 22किमी0 दूर मध्यमेश्वर पहुँचे। इस ट्रैक पर इस तरह से यह पहली यात्रा थी जिसका अभी तक कोई भी मार्ग निर्धारित नहीं हुआ था। इन पाँचों युवाओं खुद अपना रूट मैप बनाकर यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया। रूद्रप्रयाग जनपद में एडवेंचर टूरिज्म के साथ स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ऐसे अभियानों से पहाड़ की खूबसूरत जगहे देश दुनिया के सामने आऐगी वही पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के शौकीने के लिए भी नये डेस्टिनेशन मिलेंगी। इस ट्रैक में शामिल युवा संजय, विनय नेगी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से बेसिक माउण्टेनियरिंग कोर्स, एडवांस माउण्टेनियरिंग कोर्स सहित सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स सर्टिफाइड है। वही रूद्रप्रयाग जिले के गौण्डार निवासी अजय पंवार पनपतिया कॉल एंव मध्यमेश्वर से कल्पेश्वर और रूद्रनाथ यात्राओं के अनुभवी है वही इसी गाँव के अभिषेक पंवार मध्यमेश्वर से रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर से कल्पेश्वर, चौमासी से हथनी टॉप केदारनाथ यात्रा को पूरा कर चुके है। इसी यात्रा में ग्राम डांगी अगस्त्यमुनि के विपिन सिंह हाल ही में आयोजित अस्कोट -आराकोट अभियान यात्रा में सम्मिलित थे।