हरीश गुसांई  / अगस्त्यमुनि।  दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। केदारनाथ की पूर्व विधायक स्व0 शैलारानी रावत की राजनैतिक विरासत को सम्भालने का दावा करने वाले अपने को शैलारानी रावत का धर्मपुत्र कहकर भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वाले जयदीप बर्त्वाल द्वारा शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कई राजों का खुलासा कर सनसनी फैलाई गई वहीं देर सांय शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत ने जयदीप बर्त्वाल के आरोपों पर धैर्यपूर्वक एवं दृढ़ता के साथ कढ़ा जबाब देकर सनसनी की हवा निकाल दी। शैलपुत्री ने

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जयदीप बर्त्वाल द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को विरोधियों की घृणित चाल बताया। बता दें कि केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विधायक सभा में उपचुनाव हो रहा है। जहां एक ओर पूर्व विधायक की पुत्री ऐश्वर्या रावत एकलौती बेटी होने के नाते भाजपा से टिकट की प्रबल दावेदार नजर है तथा अपनी माता की मृत्यु के बाद टिकट पर अपना हक जता रही थी तो वहीं शुक्रवार को स्व0 शैलारानी रावत के नजदीकी एवं खुद को उनके बेटे से बढ़कर बताने वाले भाजपा नेता एवं गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष जयदीप बर्त्वाल ने आज रुद्रप्रयाग में पत्रकार वार्ता कर अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत बताते हुए उनकी मौत को लेकर परिवार जनों पर गम्भर आरोप लगाये। कहा कि उनकी मां समान केदारनाथ की विधायक के उपचार में घोर लापरवाही बरती गई। परिवार के सदस्यों को उनकी बीमारी के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी, जबकि एक षड़यंत्र की तरह उन्हें दूर रखा गया। जब वह अचेत अवस्था में चली गई, तब पुलिस में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर उन्हे स्व0 शैलारानी रावत से दूर रखा गया। आईसीयू में भर्ती कराकर परिवार के दोनों सदस्य घर चले गए। कहा कि स्व. शैला की इच्छा थी कि उनके अंतिम संस्कार में चिता पर मुखाग्नि मेरे हाथों से हो, किन्तु ऐसा नहीं होने दिया गया। मीडिया में इस प्रेस वार्ता के रीलीज होने के कुछ घण्टों में ही स्व शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य ने रावत अपने पिता गजेन्द्र सिंह रावत एवं चचेरे भाई शैलेन्द्र के साथ मीडिया में आकर एक एक आरोप का जबाब दिया। उन्होंने जयदीप बर्त्वाल द्वारा उनकी माता की बीमारी में की गई सेवा की सराहना करते हुए कहा कि वे इसके लिए आजीवन उनकी ऋणी रहेंगी। जहां तक राजनैतिक विरासत को सम्भालने का सवाल है, उस पर उनकी माता जी ने कभी भी कोई चर्चा नहीं की। माता जी के अन्तिम दिनों में जयदीप बर्त्वाल द्वारा हर कार्यों में जरूरत से ज्यादा घुसपेठ होने लगी थी। यहां तक कि वे मेरे पिता व स्वयं मुझे भी कई बार मिलने नहीं देते थे। ऐसे में मेरे पिता को उनका यह व्यवहार समझ नहीं आया। और उन्होंने ही पुलिस में शिकायत की तथा उन्हें वहां आने से रोका गया। एक और घिनौना आरोप यह लगाया जा रहा है कि हमने अपनी माता को अस्पताल में अकेला छोड़ा। माताजी को आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां किसी को भी रूकने की अनुमति नहीं होती है। हिन्दू धर्म में मुखाग्नि अपने खून के रिश्ते वाले ही देते हैं। जिस कर्तव्य को मेरे चचेरे भाई शैलेन्द्र ने बखूबी निभाया और सभी पितृ कार्यों का निर्वहन भी किया। जयदीप बर्त्वाल द्वारा स्वयं को स्व0 शैलारानी रावत का दत्तक पुत्र बताने पर उनके पति गजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वह कैसा दत्तक पुत्र है जिसका पता पिता को भी नहीं है। ऐश्वर्य रावत ने इस सारे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब जब प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है ऐसे में उनका मौरल डाउन करने के लिए विरोधियों ने घिनौनी चाल चली है। जिसे जयदीप बर्त्वाल अपनी मां समान कह रहा है और उनकी मौत का इस प्रकार सार्वजनिक रूप से मखौल भी उड़ाया जा रहा है। इस सब घटनाक्रम से उनका मन व्यथित है हुआ है। उन्हें लगता है यह सब उन लोंगों की साजिश है जो उन्हें राजनीति से दूर कर उनकी माताजी के सपनों को पूरा होते हुए नहीं देखना चाहते हैं।