दीपक बेंजवाल  /दस्तक पहाड न्यूज  / अगस्त्यमुनि। उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम हरीश रावत अब राजनीति में भावुक होने लगे है, गाहे बगाहे उनकी सोशल साइट्स पर लिखी गई पोस्ट उनकी मंशा को जाहिर कर देते है। बदरीनाथ सीट जीतने के बाद केदारनाथ को लेकर वो उत्साहित है और जनता के साथ अपने कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं से एकजुटता की अपील कर रहे है। उनकी लिखी इस पोस्ट में वो इसका उल्लेख कर रहे है।

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" कल श्री मनोज रावत का नामांकन हो गया। मैं इसको राज्य की राजनीति के लिए कोई साधारण घटना नहीं मानता, क्योंकि मनोज रावत जैसे सूझ-बूझ सोच, समझ उत्तराखंडियत और केदारियत को समझने वाले और उसके लिए संघर्ष करने वाले, उसके लिए निर्भीक होकर के आवाज उठाने के लिए और किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आने वाले व्यक्ति कभी-कभी मिलते हैं। 2016 में मुझे मनोज रावत ने उत्तराखंड के बुनियादी सरोकारों की समझ रखने वाले नौजवान की झलक दिखाई थी। जिस प्रकार से केदारनाथ जी की आपदा के दौरान मनोज रावत ने निरंतर बहुत सारे सुझाव देकर मेरा और सरकार का मार्ग दर्शन किया और हम एक रिकॉर्ड टाइम में आपदा से राज्य को उभार पाए, वह एक अद्भुत उपलब्धि थी और उस उपलब्धि को राज्य प्राप्त कर सका उसमें मनोज रावत जैसे नौजवानों की सूझ-बूझ का काम भी था। जब वो विधायक बने कांग्रेस बहुत कमजोर स्थिति में थी। विधानसभा में जब भाजपा ने एक षडयंत्रपूर्वक उत्तराखंड की जमीनों पर जो खरीद-फरोख्त पर तिवारी जी और खंडूरी जी के समय में जो रोक लगाई गई थी, उस रोक को हटाया और कानून में परिवर्तन किया तो मनोज उस समय उठकर के खड़े हुए और उन्होंने उसका विरोध किया। उस दिन मैंने अपनी पीठ ठोकी और कहा कि हरीश रावत तुम से पहचानने में कोई गलती नहीं हुई। आज मैं कांग्रेस पार्टी से कहता हूं कि उत्तराखंड के हित में मनोज रावत को पहचानने में आपसे कोई चूक नहीं हुई है और बहुत अच्छा है‌। बड़ा हर्षित हूं यह देखकर कि जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एकजुट होकर श्री मनोज के साथ खड़ी हैं और उत्तराखंड का नेतृत्व पुराना, नया, सारा श्री मनोज के साथ खड़े हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि बाबा केदार ओर केदार जी के अनन्य भक्त तीर्थ पुरोहित, हक हकूकधारी, केदारियत की परम्परा के पूजक, साधक और केदारनाथ के सामान्य भाई-बहन भी श्री मनोज रावत को अपने आशीर्वाद से नवाजेंगे। मुझे बहुत खुशी होगी मनोज को पुनः विधायक के रूप में देखकर। क्योंकि उनके साथ उत्तराखंड के हित संरक्षित हो सकेंगे इसका मुझे भरोसा है। आज सारा उत्तराखंड भू-कानून-भू कानून कह रहा है। मनोज जैसे नौजवान को आशीर्वाद देने में यदि हम चूक जायेंगे तो फिर भू कानून कहने वाले भी अंदर ही अंदर डर जाएंगे, सहम जायेंगे। यह चुनाव एक तरफ उत्तराखंडियत विरोधी, केदारियत विरोधी भाजपा है तो दूसरी तरफ उत्तराखंडियत का ध्वजवाहक, केदारियत का ध्वजवाहक, तीर्थ और परंपराओं पद्धतियों, हमारे अचार-विचार के सामान्य लोगों की भावनाओं के प्रतीक मनोज रावत हैं। मैं जानता हूं उत्तराखंडियत और केदारियत को हमारे लोग हारने नहीं देंगे।