पहाड़ में रोज़मर्रा का जरूरी सामान होने वाला है महंगा, छह सूत्रीय मांगो को लेकर दो दिन से हड़ताल पर ट्रक यूनियन, बढ़ी परेशानियां
1 min read13/12/2024 7:56 am
दीपक बेंजवाल।। दस्तक पहाड न्यूज
छह सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ के तत्वाधान में ट्रक संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते सबसे अधिक असर पहाड़ों पर जाने वाले वाहनों पर देखा जा रहा है। गढ़वालें में ट्रक संचालकों ने अपने ट्रकों को खड़ा कर आंदोलन शुरू कर दिया है। ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उत्तराखंड देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ के सदस्यों का कहना है कि प्रमुख छह मांगों में राज्य भर में भार क्षमता के अनुसार ही वाहन चलाने, भार वाहनों का चालान करने का अधिकार केवल परिवहन विभाग को देने। 25 प्रतिशत वाहन भाड़ा बढ़ाने, पुलिस के उत्पीड़न पर रोक लगाने। मुख्य जगहों पर धर्मकांटे लगाने और पहाड़ी क्षेत्र में बड़े भार वाहनों के संचालन पर रोक लगाना शामिल है।
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बता दें पिछले दिनों में रुद्रप्रयाग बाईपास पर चमोली रूद्रप्रयाग जाने वाले कई ट्रकों को स्थानीय यूनियन द्वारा रोक दिया गया था, जिसमें बाहरी ट्रकों में ओवरलोडिंग का आरोप लगाया गया था। स्थानीय यूनियन का कहना था भार क्षमता से अधिक का सामान नहीं लाया जाना चाहिए।
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ट्रक संचालकों की हड़ताल का असर अब पहाड़ों पर देखने को मिल रहा है. फिलहाल दूध, सब्जी, दवाइयां, गैस सिलिंडर आदि जरूरी सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा गया है। मांग पूरी नहीं होने पर इन्हें भी हड़ताल में शामिल किया जा सकता है।ट्रक यूनियन की हड़ताल से निर्माण सामग्री, राशन आपूर्ति आदि कार्यों पर असर पड़ेगा। हड़ताल लंबी चली तो राशन आदि की किल्लत भी पैदा हो सकती है। निर्माण सामग्री नहीं पहुंचने से विकास कार्य प्रभावित होंगे। फिलहाल ट्रक संचालक इस बार हड़ताल को मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रखने का फरमान जारी किया है। ट्रक संचालकों का आरोप है कि पुलिस उत्पीड़न सहित विभिन्न मांगों को लेकर पूर्व में प्रशासन के साथ बैठक हो चुकी है, लेकिन, स्थिति अभी भी ऐसी बनी हुई है ऐसे में अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो हड़ताल जारी रहेगी।
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