दीपक बेंजवाल।।अगस्त्यमुनि।। केदारनाथ धाम स्थित भुकुंड भैरवनाथ मंदिर में चोरी करने का वीडियो इस वक्त सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें जूते पहने एक शख्स भैरवनाथ जी को स्पर्श कर रहा है, ऐसे में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर धाम से सवाल उठने लगे है। बता दें इन दिनों केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद है। पौराणिक परंपरा के अनुसार छह महीने धाम में देवगण बाबा केदारनाथ की पूजा करते हैं और 6 महीने नर। प्रकृति भी इस समय पूरी केदारपुरी को बर्फ से ढक देती है। स्वाभाविक है कि मानवीय चहलकदमी यहाँ संभव नहीं हो पाती लेकिन महाआपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्य के लिए धाम में लगातार कार्य चल रहा है, जिससे कुछ मजदूर यहाँ रहते है। इनके साथ ही सुरक्षा को लेकर आईटीबीपी और उत्तराखंड पुलिस के जवान भी यहाँ तैनात है। बावजूद धाम से एक वीडियो वायरल होता है।

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तीर्थ पुरोहित अंकुर शुक्ला ने बताया कि यह वीडियो भुकुंड भैरवनाथ मंदिर का है, जो केदारनाथ धाम के रक्षक हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक मजदूर व्यक्ति भैरवनाथ मंदिर में जाकर मूर्तियों के साथ छेड़खानी कर रहा है और मंदिर प्रांगण में जूते ले जा रखा है और वह जूते मूर्ति पर भी स्पर्श हो रहे हैं, जो की इस वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है। हमारी सनातनी परंपरा है कि 6 महीने जब कपाट बंद होते हैं तो केदारनाथ धाम में कोई भी व्यक्ति नहीं रहेगा, लेकिन आपदा के बाद नवनिर्माण के नाम पर हमारे हिंदू भावनाओं के साथ छेड़खानी की जा रही है,जो व्यक्ति भैरवनाथ के प्रांगण में जा रखा है। वह कौन है। क्या वह सनातनी है। वह इन पौराणिक मूर्तियों को खंडित भी कर सकता था। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। केदारनाथ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार बड़ा खर्च करती है। आईटीबीपी और पुलिस के जवान भी यहाँ तैनात है तो इस प्रकार की घटना संदेह उत्पन्न करती है। इससे पहले भी धाम में चोरी की घटनाऐ सामने आई है, जिनका खुलासा अभी तक नही हुआ है। वर्ष 2022 में भी भुकुंड भैरवनाथ मंदिर के दानपात्र से रुपये चोरी कर लिए गए। तीर्थ पुरोहितों ने घटना पर रोष जताते हुए अराजक तत्वों के खिलाफ पुलिस चौकी में तहरीर दी थी। पंच पंडा रुद्रपुर केदारनाथ ने पुलिस चौकी में तहरीर देकर चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की। पंच पंडा रुद्रपुर केदारनाथ के अध्यक्ष अमित शुक्ला और सचिव पंकज शुक्ला ने पुलिस में तहरीर दर्ज कराई थी। अब दुबारा ऐसी घटना का सामने आना चिन्तनशील है।