उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदल रहे हैं मस्जिद और मदरसे, हरिद्वार में 322 मस्जिदों से उठे सवाल
1 min read22/12/2024 1:02 pm
दस्तक पहाड न्यूज। ।देहरादून। । देवभूमि उत्तराखंड हाल के दिनों में मदरसों और मज़ारों को लेकर चर्चा में है। राज्य में मौजूद मदरसों की जांच के आदेश ने एक बार फिर मुद्दा गरमा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मदरसों के जांच के आदेश दिए हैं पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में राज्य में संचालित सभी मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य कर रहे हैं या नहीं।पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि राज्य के अवैध मदरसों की गहनता से जांच की जाएगी। इनमें बाहरी राज्यों के छात्रों के शामिल होने और अवैध गतिविधियों की आशंका पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहीं राज्य बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने इसे उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बदलने की साजिश बताया और कहा कि अवैध मदरसों में न केवल बच्चों का शोषण हो रहा है, बल्कि उनकी आड़ में संपत्तियां कब्जाई जा रही हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि डेमोग्राफी चेंज जैसी बातें निराधार हैं।
बड़े शहरों की बदली डेमोग्राफी – 2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी लगभग 14% थी, लेकिन अब देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल जैसे जिलों में यह 30% से ज्यादा हो गई है. इसे राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक संरचना के लिए चुनौती माना जा रहा है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के लिए गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।. इसके तहत जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जो विभिन्न विभागों के समन्वय से एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
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क्या है मामला – उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के मुताबिक, 2003 में इसके पास करीब 2100 संपत्तियां थीं, जो अब बढ़कर 5000 से अधिक हो गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 1891 संपत्तियां हरिद्वार में हैं। हरिद्वार, जिसे तीर्थनगरी माना जाता है, वहां 322 मस्जिदें, 58 दरगाह, 25 मदरसे और 386 कब्रिस्तान हैं। देहरादून में 1680, उधमसिंहनगर में 885, और नैनीताल में 407 वक्फ संपत्तियां हैं. पूरे राज्य में 800 से ज्यादा मदरसे संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनमें से केवल 416 ही पंजीकृत हैं। अपंजीकृत मदरसों में अवैध गतिविधियों और बच्चों के शोषण के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा चर्चा का विषय बना रहता है।
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