मन्दाकिनी शरदोत्सव : दक्ष यज्ञ विध्वंस में महिला कलाकारों के शानदार अभिनय, संवाद कला से बंधे रहे दर्शक
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26/12/20246:01 pm
हरीश गुसांई / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड। मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के चौथे दिन वीरांगना महिला संगठन रूद्रप्रयाग द्वारा दक्ष यज्ञ विध्वंस नाटक का मंचन किया गया। जिसमें महिला कलाकारों द्वारा किए गये शानदार अभिनय एवं संवाद कला ने देर सांय तक दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। यह पूरा नाटक महिलाओं द्वारा ही मंचित किया गया। कहानी के अनुसार दक्ष प्रजापति के विरोध के बाबजूद सती ने जब भगवान शिव को वर चुन लिया तो दक्ष प्रजापति बहुत ही क्रोधित हो गये। तथा सती को कभी मायके न आने का फरमान सुना दिया। इसी बीच दक्ष प्रजापति ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने अपनी सभीपुत्रियों को तो आमन्त्रित किया परन्तु सती एवं शिव को आमन्त्रित नहीं किया। क्योंकि भगवान शिव ने दक्ष को प्रजापति बनाने का विरोध किया था। जब सती को पता चला कि उनके पिता ने यज्ञ का आयोजन किया है तो वे शिव से वहां जाने की मांग करती हैं। शिव के लाख मना करने के बाबजूद सती यज्ञ में जाती है शिव साथ में नन्दी को भेज देते हैं। सती जब दक्ष के यहां पहुंचती है तो शिव के लिए आसन न पाकर पूछती है। दक्ष कहता है उस जैसे भंगेड़ी को बुलाकर यज्ञ की गरिमा को ठेस पुहंचेगी। जिस पर सती क्रोधित हो जाती है और दक्ष का यज्ञ असफल होने का श्राप देकर हवन कुण्ड में कूद जाती है। यह देखकर नन्दी रोता बिलखता किशव के पास आता है और सती द्वारा अपनी जान देने की खबर सुनाता है। शिव क्रोधित होकर अपने गण वीरभद्र को दक्ष प्रजापति का सिर काटने का आदेश देते है। वीरभद्र ने दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर उसका सर काटकर हवन कुण्ड में डाल दिया। शिव सती के पार्थिव शरीर को उठाकर सारे ब्रह्माण्ड में घूमने लगे। इस दौरान सती के अधजले अंग पृथ्वी पर गिरते रहे। जहां जहां ये अंग गिरे वे शक्तिपीठ से महिमामण्डित हो गये। आखिर में देवताओं के आह्वान पर ब्रह्मा जी ने शिव को मनाया। जिसके बाद शिव शान्त हुए।
मंच संचालन संगठन की जिलाध्यक्ष माधुरीे नेगी ने किया तथा निर्देशन वीपी बमोला एवं माधव सिंह नेगी का रहा। इससे पूर्व चौथे दिन के मेले का उद्घाटन भाजपा की पूर्व जिलाध्यक्ष शकुन्तला जगवाण, पूर्व जिपंस सुमन सिंह नेगी, गणेश तिवारी, पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश प्रसाद चमोला, नरेन्द्र सिंह रौथाण ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर मेला कमेटी के संयोजक विक्रम नेगी, अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल, महासचिव पृथ्वीपाल रावत सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
मन्दाकिनी शरदोत्सव : दक्ष यज्ञ विध्वंस में महिला कलाकारों के शानदार अभिनय, संवाद कला से बंधे रहे दर्शक
दस्तक पहाड़ की से ब्रेकिंग न्यूज़:
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हरीश गुसांई / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड। मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के चौथे दिन वीरांगना महिला संगठन रूद्रप्रयाग द्वारा दक्ष यज्ञ
विध्वंस नाटक का मंचन किया गया। जिसमें महिला कलाकारों द्वारा किए गये शानदार अभिनय एवं संवाद कला ने देर सांय तक दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। यह पूरा नाटक
महिलाओं द्वारा ही मंचित किया गया। कहानी के अनुसार दक्ष प्रजापति के विरोध के बाबजूद सती ने जब भगवान शिव को वर चुन लिया तो दक्ष प्रजापति बहुत ही क्रोधित हो
गये। तथा सती को कभी मायके न आने का फरमान सुना दिया। इसी बीच दक्ष प्रजापति ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने अपनी सभीपुत्रियों को तो
आमन्त्रित किया परन्तु सती एवं शिव को आमन्त्रित नहीं किया। क्योंकि भगवान शिव ने दक्ष को प्रजापति बनाने का विरोध किया था। जब सती को पता चला कि उनके पिता ने
यज्ञ का आयोजन किया है तो वे शिव से वहां जाने की मांग करती हैं। शिव के लाख मना करने के बाबजूद सती यज्ञ में जाती है शिव साथ में नन्दी को भेज देते हैं। सती जब
दक्ष के यहां पहुंचती है तो शिव के लिए आसन न पाकर पूछती है। दक्ष कहता है उस जैसे भंगेड़ी को बुलाकर यज्ञ की गरिमा को ठेस पुहंचेगी। जिस पर सती क्रोधित हो जाती
है और दक्ष का यज्ञ असफल होने का श्राप देकर हवन कुण्ड में कूद जाती है। यह देखकर नन्दी रोता बिलखता किशव के पास आता है और सती द्वारा अपनी जान देने की खबर
सुनाता है। शिव क्रोधित होकर अपने गण वीरभद्र को दक्ष प्रजापति का सिर काटने का आदेश देते है। वीरभद्र ने दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर उसका सर काटकर हवन कुण्ड में
डाल दिया। शिव सती के पार्थिव शरीर को उठाकर सारे ब्रह्माण्ड में घूमने लगे। इस दौरान सती के अधजले अंग पृथ्वी पर गिरते रहे। जहां जहां ये अंग गिरे वे
शक्तिपीठ से महिमामण्डित हो गये। आखिर में देवताओं के आह्वान पर ब्रह्मा जी ने शिव को मनाया। जिसके बाद शिव शान्त हुए।
मंच संचालन संगठन की जिलाध्यक्ष माधुरीे नेगी ने किया तथा निर्देशन वीपी बमोला एवं माधव सिंह नेगी का रहा। इससे पूर्व चौथे दिन के मेले का उद्घाटन भाजपा की
पूर्व जिलाध्यक्ष शकुन्तला जगवाण, पूर्व जिपंस सुमन सिंह नेगी, गणेश तिवारी, पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश प्रसाद चमोला, नरेन्द्र सिंह रौथाण ने दीप
प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर मेला कमेटी के संयोजक विक्रम नेगी, अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल, महासचिव पृथ्वीपाल रावत सहित कई सदस्य मौजूद रहे।