दस्तक पहाड न्यूज विशेष।। नया साल टेलीकॉम ग्राहकों को कई नई सेवाओं की सौगात दे सकता है। साल 2025 में ग्राहकों को सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं का मजा उठाने का मौका देगा. तो ग्राहकों को अनचाही कॉल से भी छुटकारा मिल सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो ट्राई का यह नया नियम जनवरी के दूसरे सप्ताह में लागू हो सकता है। इस नियम के तहत Airtel, Jio, BSNL और Vi अपने यूजर्स के लिए सस्ते वॉइस और SMS ओनली वाले प्लान पेश कर सकती हैं। दूरसंचार नियामक ने इसे लेकर कुछ महीने पहले ही सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की थी। नई गाइडलांस से जुड़े नियम जनवरी के दूसरे सप्ताह में लागू किए जा सकते हैं।

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नया साल, टेलीकॉम ग्राहकों को नई सौगात-  (1) साल 2025 में शुरू सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा होगी. दुनिया के हर कोने में मोबाइल सिगनल मिलेंगे.एलन मस्क की कंपनी स्टार लिंक सेवाओं की शुरुआत करेगी. (2) टेलीकॉम कंपनियों के महंगे बंडल डाटा पैक से पहली बार छुटकारा मिलेगा. ग्राहकों को मिलेगा सिर्फ व्यास कॉल के पैक का विकल्प होगा। (3) अनचाही कॉल्स से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा. नियम कड़े होंगे, टेलीमार्केटिंग कंपनियों पर पेनल्टी लगेगी. (4) BSNL की 4G सेवा जून तक सभी सर्किल में मिलेगी. सरकारी टेलीकॉम कंपनी नए साल 2025 में अपने ग्राहकों को नई सर्विस देने जा रही है। (5) टेलीकॉम सेवाओं से जुड़ी सभी शिकायतें सूपर ऐप पर मिलेगी। दूरसंचार विभाग नया ऐप लॉन्च करेगा। STV की वैलिडिटी बढ़ी - TRAI ने स्पेशल टैरिफ वाउचर के लिए मौजूदा 90 दिनों की वैलिडिटी को बढ़ाने का फैसला किया है। अब यूजर्स को स्पेशल टैरिफ वाउचर के लिए 365 दिनों की वैलिडिटी मिलेगी। टैरिफ ऑर्डर में संशोधन - इसके अलावा TRAI ने 2012 के टेलीकॉम टैरिफ ऑर्डर में भी 50वां संशोधन करते हुए 10 रुपये मूल्य वर्ग के कम से कम एक टॉप-ऑप वाउचर की अनिवार्यता को यथावत रखा है। साथ ही, इसके डेनोमिनेशन को रिजर्व रकने की व्यवस्था को खत्म कर दिया है। अब टेलीकॉम कंपनियों को एक 10 रुपये का टॉप-अप और अन्य किसी भी मूल्य का टॉप-अप रखना होगा। सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस से मिलेगा फायदा - सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस एक प्रकार की इंटरनेट सेवा है जो सैटेलाइट (उपग्रह) के माध्यम से प्रदान की जाती है. यह सेवा उन क्षेत्रों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड सर्विस, जैसे फाइबर या मोबाइल नेटवर्क, उपलब्ध नहीं होतीं। सेटेलाइट ब्रॉडबैंड में डेटा को पृथ्वी पर स्थित एक सैटलाइट स्टेशन से उपग्रह तक और फिर वहां से यूजर्स के डिवाइस तक ट्रांसमिट किया जाता है। ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक नेटवर्क नहीं पहुंचते, वहां सेटेलाइट ब्रॉडबैंड उपयोगी है।आधुनिक सेटेलाइट ब्रॉडबैंड 100 Mbps या उससे अधिक की गति प्रदान कर सकते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)-ISRO ने सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है। यह GAGAN (GPS Aided GEO Augmented Navigation) और अन्य उपग्रहों का उपयोग कर रहा है। साथ ही एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने जा रही है।