दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज।। उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना परवान चढ़ने लगी है। केदारघाटी में शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण के बाद अब चन्द्रापुरी गाँव स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर को भी वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिलेगी। लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति के अध्यक्ष सच्चिदानंद वैष्णव और कोषाध्यक्ष शिव सिंह भण्डारी बताते है कि विवाह एक पवित्र बंधन है और इसके लिए पवित्र स्थान और पवित्र वातावरण आवश्यक होता है। देवगंगा मन्दाकिनी के तट पर स्थित यह स्थान लक्ष्मीनारायण जी की पवित्र स्थली है, इन्हें साक्षी मान कर लिया गया बंधन सकारात्मकता का संदेश देगा। मंदिर समिति यहाँ विवाह के लिए आने वाले युगलों का स्वागत करती है।

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शुक्रवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति की पहल पर मुम्बई महाराष्ट्र निवासी अमित दुबे का विवाह पटना निवासी डा०श्वेता ऋचा के साथ सम्पन हुआ। इस अवसर पर मंदिर समिति के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण जगदीश प्रसाद, दिनेश जोशी, नरेंद्र दत्त, राजेन्द्र प्रसाद, गगन जोशी सहित महिलाओं ने भी विवाह की रस्मों को निभाया और साथ ही नवयुगल को आशीर्वाद दिया। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से शादियों के लिए विदेश जाने के स्थान पर उत्तराखंड आने का आह्वान किया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील के बाद अब सूबे की धामी सरकार विस्तृत नीति बना रही है। उत्तराखंड का नैसर्गिक सौंदर्य हमेशा से देश दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। अब प्रदेश वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी खास पहचान बनाएगा। यहाँ कई ऐसे धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थल हैं, जिनमें फिल्मों की शूटिंग और प्री वेडिंग शूट के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चन्द्रापुरी बाजार से आगे नदी के दाहिने तट पर यह लक्ष्मीनारायण मंदिर अत्यंत प्राचीन है। यहाँ भगवान नारायण का दिव्य विग्रह नित्य पूजित है। जन्माष्टमी के दिन यहाँ प्राचीन काल से भव्य मेला भी लगता है। यात्रा मार्ग पर स्थित इस दिव्य भव्य मन्दिर में विवाह स्थली का विकसित होना भविष्य में पर्यटन और रोजगार के लिए भी अवसर खोलेगा।