जय केदार मंच द्वारा गढ़वाली भाषा में प्रस्तुत ‘द्रुपदा की लाज’ मंचन पर हुए दर्शक भावुक
1 min read15/02/2025 10:42 am
तिलवाड़ा।। सिलगढ़ महोत्सव 2025 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में लोक कलाकारों ने अद्भुत मंचीय प्रस्तुतियां देकर मेले को यादगार बना दिया। जय केदार कला मंच द्वारा लेखिका कांता घिल्डियाल द्वारा लिखित “द्रुपदा की लाज” का मंचन किया गया।महाभारत का प्रमुख कारण इंद्रप्रस्थ में दुर्योधन के गिरने पर द्रौपदी के हंसने से शुरू हुई कहानी हस्तिनापुर में द्यूत क्रीड़ा पर आकर ठहरती है। पांडुपुत्र युधिष्ठिर शकुनि मामा के पांसो में फंसकर अपना सबकुछ दांव पर लगाकर हार जाते हैं।अंत में अपने भाइयों व रानी द्रौपदी को भी हार जाते हैं। दुशासन द्रौपदी को बालों से खींचकर सभा में लाता है तो दुर्योधन अपनी जंघा में बैठने को कहता है,तब भीम दुशासन की छाती फाड़कर उसका खून पीने व दुर्योधन की जंघा तोड़ने का प्रण करता है। बेबस द्रौपदी अपनी लाज बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण को पुकारती है।बहन की करुण पुकार सुन भगवान कृष्ण आकर द्रौपदी की लाज बचाते हैं।तब द्रौपदी श्राप देती है कि जिन घरों में बेटी की बेइज्जती की जाएगी वहां कभी भला नहीं होगा।
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान दर्शक भावविभोर होकर रोने लगे। कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा।लेखिका व कवियत्री श्रीमती कांता घिल्डियाल द्वारा गढ़वाली भाषा में लिखे गए इस महाभारत प्रसंग का निर्देशन अखिलेश नेगी ने किया।द्रौपदी की भूमिका में अध्यापिका ललिता रौतेला ने बेहतरीन अभिनय कर खूब वाहवाही लूटी।अन्य कलाकारों की भूमिका में श्रीकृष्ण सुशील गोस्वामी,युधिष्ठिर पंकज रौतेला,भीम शिवम शैव,अर्जुन कुलदीप सिंह,नकुल शिवम,सहदेव अंशुल, धृतराष्ट्र हिमांशु भट्ट,दुर्योधन संजय रावत,दुशासन कार्तिक अग्रवाल, शकुनि हेमंत फर्स्वाण,कर्ण कुलदीप,विकर्ण कृष्णा,द्रोणाचार्य देवी प्रसाद ममगाई,भीष्म पितामह प्रकाश बड़वाल,विदुर गौरव आदि ने अपने अभिनय से मंचन को जीवंत कर दिया।कलाकारों की साज सज्जा अध्यापक अखिलेश गोस्वामी द्वारा की गई।संगीत संयोजन एवं गायन में अखिलेश नेगी,की बोर्ड पर कौशिक पंत,तबला पर सोहित चमोली,बांसुरी पर हिमांशु पंवार,पैड पर नवीन शैव,ढोलक पर आयुष भट्ट, कोरस गायन में दीपक भलवान,अलीशा,नेहा नेगी,तनिष्का,शिखा एवं नवीन कप्रवान थे।
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जय केदार कला मंच के संरक्षक माधव सिंह नेगी जी ने मेला समिति के अध्यक्ष देवेंद्र भंडारी जी, श्रीमती उमा कैंतुरा का विशेष धन्यवाद दिया जिन्होंने कलाकारों को मंच प्रदान किया।विशेष सहयोगी की भूमिका में श्रीमती देवेश्वरी नेगी,आचार्य कृष्णानंद नौटियाल,अगस्त्य आदर्श रामलीला समिति अगस्त्यमुनि,वीरांगना संगठन अगस्त्यमुनि सोमेश नेगी सत्येश्वरी नेगी,ऋतु,योगेश आदि रहे।
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जय केदार कला मंच के संस्थापक अखिलेश नेगी ने कहा कि अभिनय व संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने हेतु नए कलाकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से यह मंच बनाया गया है साथ ही अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानने समझने,साझा करने तथा नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मंच अहम भूमिका निभाएगा।
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जय केदार मंच द्वारा गढ़वाली भाषा में प्रस्तुत ‘द्रुपदा की लाज’ मंचन पर हुए दर्शक भावुक
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