जल की उपलब्धता, गुणवत्ता एवं महत्व पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में आयोजित हुई कार्यशाला
1 min read27/03/2025 6:08 am
दस्तक पहाड़ न्यूज, अगस्त्यमुनि।। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) एवं उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून के सहयोग से दो दिवसीय ‘water Quality Monitoring and hands-on training’ का आयोजन किया गया। 26 मार्च को कार्यशाला के प्रथम दिवस का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. सी. दुतपुड़ी द्वारा किया गया। उन्होंने जल की उपलब्धता, गुणवत्ता एवं महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि जल की जाँच बहुत आवश्यक है। शुद्ध पानी के उपयोग से हम अनेक बीमारियों से बच सकते हैं। संयोजक डॉ.के. पी. चमोली ने दो दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा विस्तार से बताई।
इस दौरान असिस्टेंट इंजीनियर रेवत सिंह रावत जल संस्थान रुद्रप्रयाग ने कहा ज्ञान का कोई अंत नहीं है, व्यक्ति को समस्त क्षेत्रों का ज्ञान होना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को जल की जांच की जानकारी होना अतिआवश्यक है, इससे जल की गुणवत्ता की उचित परख होगी। उन्होंने जल की PH वेल्यू के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे विशेषज्ञ 2 दिन व्यावहारिक तौर पर जल की टेस्टिंग और गुणवत्ता बताएंगे।
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यूकोस्ट के विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष शर्मा ने कहा जल कोई उत्पाद नहीं है, वह प्राकृतिक है। निरंतर जलस्रोतों का सूखना गंभीर समस्या बन गया है, जल संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व होना अतिआवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘हर घर जल’ परियोजना एवं यूकोस्ट के संदर्भ में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।
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जल संस्थान रुद्रप्रयाग से विशेषज्ञ कैमिस्ट श्री मोहित किमोठी ने जल की गुणवत्ता के फिजिकल, माइक्रोबॉयलॉजिकल एवं कैमिकल पैरामीटर के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञ कैमिस्ट श्री अंकित सिंह ने कहा कि जल का उपयोग अति सावधानी से करना चाहिए क्योंकि दूषित जल विभिन्न रोगों को न्योता देता है। इसके लिए जल की मॉनिटरिंग समय – समय पर होती रहनी चाहिए।
प्रयोगात्मक सत्र में सभी प्रशिक्षकों ने जल की गुणवत्ता की पहचान के लिए विभिन्न पैरामीटर को लैब टेस्टिंग के माध्यम से प्रदर्शित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. एल. डी. गार्ग्य, डॉ. पूनम भूषण, डॉ. सीताराम नैथानी, डॉ.हरिओम शरण बहुगुणा, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. नवीन चंद्र खंडूरी, डॉ. शिवप्रसाद पुरोहित, डॉ. निधि छाबड़ा, डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. सुधीर पेटवाल, डॉ.सुखपाल रौतेला, डॉ. गिरिजा प्रसाद रतूड़ी, डॉ.चंद्रकला नेगी, डॉ. दीप्ति राणा, डॉ. तनुजा मौर्य, डॉ.ममता थपलियाल, डॉ. कृष्णा राणा, डॉ.पूनम तिवारी, डॉ.संजय दत्त, डॉ. शशिबाला रावत, डॉ. सुनीता मिश्रा एवं कर्मचारी वर्ग से मुकेश कुमार, इन्नत अली, विनीता रौतेला, ताहिर अहमद उपस्थित रहे। इसके साथ ही स्नातक एवं स्नातकोत्तर विज्ञान संकाय के 80 से अधिक विद्यार्थियों ने कार्यशाला में सक्रिय प्रतिभाग किया।
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