आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी:ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली; हर साल 60 हजार रिटायर हो रहे, भर्ती 40 हजार सालाना
1 min read15/04/2025 11:36 am
दिल्ली।। भारतीय सेना में एक लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी दी है। इस समय सेना की कुल संख्या 12.48 लाख है जबकि एक लाख से ज्यादा पर खाली हैं।इनमें से 92,410 पद जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और नॉन-कमीशंड ऑफिसर (NCO) के हैं। यह करीब 7.72% की कमी को दर्शाता है। 1 अक्टूबर, 2024 तक सेना में स्वीकृत पद 11,97,520 के मुकाबले 11,05,110 पद भरे थे।
इसके अलावा 16.71% ऑफिसर्स की भी कमी है। 1 जुलाई, 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार सेना में 42,095 ऑफिसर (मेडिकल कोर, डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस को छोड़कर) हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 50,538 है।
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कोविड में 2 साल बंद रही भर्ती सेना से हर साल करीब 60 हजार सैनिक रिटायर हो जाते हैं। कोविड के दौरान दो साल सैनिक भर्ती बंद रही। इस वजह से सेना में सीधे तौर पर 1.20 लाख सैनिकों की कमी हो गई। 2022 में अग्निपथ स्कीम शुरू होने बाद हर साल करीब 40 हजार अग्निवीर सैनिक ही भर्ती हो रहे हैं। इस वजह से कोविड के दौरान बंद हुई भर्ती की कमी पूरी नहीं हो पा रही है।
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मंत्रालय बोला- अग्निपथ स्कीम से कमी जल्द पूरी होगी इस कमी दूर करने पर मंत्रालय का कहना है कि जैसे-जैसे अग्निपथ स्कीम आगे बढ़ेगी, सैनिकों की कमी पूरी हो जाएगी। वहीं, ऑफिसर्स के खाली पद भरने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया गया है।
सैनिक भर्ती में उम्मीदवारों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (SSB) के इंटरव्यू में शामिल न हो पाने वालों को दूसरा मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा SSB बैच को दोगुना करने और मेडिकल जांच में लगने वाले आठ से दस दिन का समय घटाकर दो से तीन दिन कर दिया गया है।वहीं, अधिकारियों की वैकेंसी हर साल एग्जिट और वेस्टेज के आधार पर निकाली जाती है। अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में भी सुधार किया गया है। वर्किंग सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए चेन्नई में ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में नई ट्रेनिंग विंग शुरू की गई है।इसके अलावा टेक्निकल एंट्री स्कीम (10+2 TES) को 3+1 साल के मॉडल में बदला गया है। इससे ट्रेनिंग पीरियड में एक साल कम हुआ है।
अब जानिए क्या है अग्निपथ स्कीम… केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए भर्ती होती है। चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। रेटिंग के आधार पर सिर्फ 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस दी जाएगी।
स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होती है। इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक (PBOR) के तौर पर होती है। इन सैनिकों की रैंक सेना में कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होती है। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती होती है।
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आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी:ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली; हर साल 60 हजार रिटायर हो रहे, भर्ती 40 हजार सालाना
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