दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत रुद्रप्रयाग जनपद के 25 बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती था। लेकिन विभाग द्वारा समय से परीक्षा शुल्क जमा नहीं करने से बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। ‌

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अगस्त्यमुनि महाविद्यालय स्थित इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के स्टडी सेंटर में बाल विकास विभाग द्वारा जनपद के विभिन्न गांव से चयनित 25 गरीब बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रवेश दिलाया गया था। जिनका समस्त व्यय बाल विकास विभाग द्वारा किया जाना था। लेकिन अंतिम तिथि तक शुल्क जमा न हो पाने के चलते अब इन सभी बालिकाओं को परेशानी हो सकती है। अब इन बालिकाओं की समस्या का समाधान करने के बजाय दोनों विभाग एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जानकारी देते हुए इग्नू स्टडी सेंटर अगस्त्यमुनि के कोऑर्डिनेटर डॉ केपी चमोली ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत कुल 25 बच्चों ने प्रवेश दिया गया था, जिनकी अभी तक परीक्षा शुल्क जमा नहीं हो पाया है। और यदि 4 मई तक 1100 अतिरिक्त विलंब शुल्क के साथ परीक्षा शुरू को जमा नहीं किया जाता है तो उक्त बच्चे इस वर्ष परीक्षा से वंचित हो सकते हैं। वहीं डीपीओ डा अखिलेश मिश्रा ने कहा कि इस वर्ष इग्नू द्वारा 22 मार्च को मांग की गयी थी। जिस पर अभी तक बजट प्राप्त नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इग्नू द्वारा देरी से डिमांड करने के चलते समय से फीस जमा नहीं हो पायी। जल्द ही विलम्ब शुल्क के साथ फीस जमा की जायेगी। इस योजना के लाभार्थी सुश्मिता, सिमरन, सपना, दिव्या, हिमानी, मानसी, रागनी, पायल, भावना, सुमन, अंकित, रिया, मीनाक्षी, अनामिका, प्रिंसा, नीलम, प्रियंका, दिव्या, संध्या, राधिका, शालिनी प्रिया ने इग्नू अगस्त्यमुनि तथा बाल विकास विभाग रुद्रप्रयाग से जल्द समस्या का समाधान करने का निवेदन किया है।