केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों की जाँच के लिए पहुंची डाक्टरों की टीम, इलाज शुरू,चारे, गर्म पानी और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार
1 min read07/05/2025 7:12 pm
सभी जानवरों को जल्द ही स्वस्थ कर फिर से यात्रा कार्य में लगाया जाएगा: विधायक आशा नौटियाल
मुख्य विकास अधिकारी डॉ जी.एस. खाती ने कहा, घोड़े-खच्चर केदारनाथ यात्रा का अभिन्न अंग
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हिसार एवं पंतनगर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम घोड़े-खच्चरों की जाँच में जुटी
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दस्तक पहाड़ न्यूज, गौरीकुंड।।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगातार बीमार हो रहे घोड़े-खच्चरों की समस्या को देखते हुए पशुपालन विभाग ने जांच और उपचार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने घोड़ा-खच्चर संचालकों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।विधायक आशा नौटियाल ने संचालकों को आश्वासन दिया कि घोड़े-खच्चरों की चिकित्सा के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक विशेष टीम द्वारा उपचार कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग की 18 डॉक्टरों की टीम निगरानी में लगातार काम कर रही है और बीमार जानवरों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी जानवरों को जल्द ही स्वस्थ कर फिर से यात्रा कार्य में लगाया जाएगा।विधायक ने यह भी बताया कि घोड़े-खच्चरों के लिए चारे, गर्म पानी और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार मौजूद है। किसी भी संचालक को घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन पूरी तत्परता से उनके साथ खड़ा है।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती ने भी इस मौके पर कहा कि घोड़े-खच्चर केदारनाथ यात्रा का अभिन्न अंग हैं और हजारों लोगों की आजीविका इन्हीं पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता सभी बीमार जानवरों को समय पर उपचार देकर स्वस्थ बनाना है, ताकि यात्रा बाधित न हो और संचालकों की आर्थिकी पर कोई प्रभाव न पड़े।उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक लीलाधर ने जानकारी दी कि बीमार घोड़े-खच्चरों की स्थिति इक्वाइन इन्फ्लुएंजा और मौसम परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुई है। उन्होंने बताया कि गर्म जलवायु से अचानक ठंडे वातावरण में आने के कारण जानवरों की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई है। पशुपालन विभाग की 18 डॉक्टरों की टीम लगातार जांच कर रही है। इसके अलावा, हिसार और पंतनगर से भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें जनपद में पहुँच चुकी हैं।
डॉ. लीलाधर ने बताया कि मंगलवार को 850 घोड़े-खच्चरों की जांच की गई और आज भी यह प्रक्रिया जारी है। जानवरों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं ताकि सटीक उपचार सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि उचित दवा, आराम और देखरेख से जल्द ही सभी जानवर पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे।इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी अगस्त्यमुनि प्रवीण भट्ट, घोड़ा-खच्चर यूनियन के अध्यक्ष गोविंद सिंह रावत, व्यापार मंडल अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी समेत अन्य स्थानीय प्रतिनिधि और संचालक भी उपस्थित रहे।
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