वासुकी ताल क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश पर वन विभाग सख्त, बिना परमिट घूमना पड़ सकता है भारी
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16/05/20255:46 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज, केदारनाथ।।
वासुकी ताल क्षेत्र में बिना अनुमति के पर्यटकों और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स की बढ़ती आवाजाही को लेकर वन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। विभाग की जानकारी में आया है कि हाल के दिनों में कई पर्यटक, इंस्टाग्रामर्स, यूट्यूबर्स और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले वासुकी ताल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
उप वन संरक्षक, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग तरुण एस ने बताया कि यह क्षेत्र संरक्षित है और इसमें प्रवेश के लिए वैध परमिट अनिवार्य है। बावजूद इसके कई लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भ्रमक जानकारियां प्रसारित कर रहे हैं।बिना पूर्व अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने या शिविर लगाने वालों के खिलाफ तीन साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। ऐसे सभी मामलों पर विभाग की नजर है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी,
विदित हो कि वासुकी ताल, जो समुद्रतल से लगभग 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन यह क्षेत्र जैव विविधता और वन्यजीवों के संरक्षण के लिहाज़ से भी अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में अनाधिकृत गतिविधियां न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
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वासुकी ताल क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश पर वन विभाग सख्त, बिना परमिट घूमना पड़ सकता है भारी
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वासुकी ताल क्षेत्र में बिना अनुमति के पर्यटकों और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स की बढ़ती आवाजाही को लेकर वन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। विभाग की
जानकारी में आया है कि हाल के दिनों में कई पर्यटक, इंस्टाग्रामर्स, यूट्यूबर्स और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले
वासुकी ताल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
उप वन संरक्षक, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग तरुण एस ने बताया कि यह क्षेत्र संरक्षित है और इसमें प्रवेश के लिए वैध परमिट अनिवार्य है। बावजूद इसके कई लोग
नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भ्रमक जानकारियां प्रसारित कर रहे हैं।बिना पूर्व अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने या शिविर लगाने वालों के
खिलाफ तीन साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। ऐसे सभी मामलों पर विभाग की नजर है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त
कानूनी कार्रवाई की जाएगी,
विदित हो कि वासुकी ताल, जो समुद्रतल से लगभग 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन यह क्षेत्र जैव विविधता
और वन्यजीवों के संरक्षण के लिहाज़ से भी अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में अनाधिकृत गतिविधियां न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान
पहुंचा सकती हैं।