दस्तक पहाड़ न्यूज, अगस्त्यमुनि (रुद्रप्रयाग), 23 मई 2025: मंदाकिनी नदी के तट पर जेसीबी से जारी अवैध और अनियंत्रित खनन अब छात्रों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अगस्त्यमुनि महाविद्यालय के निकट चल रही भारी मशीनों और ट्रैक्टर-ट्रॉली की आवाजाही ने शिक्षण वातावरण को बुरी तरह प्रभावित किया है। वहीं स्थानीय लोग भी मशीनी शोरों से परेशान हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष नितिन नेगी ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि “जब कक्षा में पढ़ाई चल रही होती है या छात्र परीक्षा में

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बैठे होते हैं, तब मशीनों की भयानक आवाज़ें ध्यान भटकाती हैं और मानसिक दबाव उत्पन्न करती हैं।” उन्होंने बताया कि खनन से न केवल शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं, बल्कि इससे क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ रहा है। नदी किनारे की प्राकृतिक शांति और छात्र जीवन अब डीजल मशीनों की गूंज में दबती जा रही है। वहीं खनन से खोखले होते जा रहे नदीतट से महाविद्यालय परिसर को भी भविष्य में नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में इस स्थान पर खनन पर स्थाई रोक लगानी चाहिए। छात्रसंघ ने इस संबंध में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें खनन पर रोक लगाने या इसे महाविद्यालय परिसर से पर्याप्त दूरी पर संचालित करने की मांग की गई है।यदि जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो छात्रसंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर छात्रहित को ताक पर रखकर किसके दबाव में यह गतिविधियाँ चल रही हैं? क्या शिक्षा की शांति और गुणवत्ता अब विकास के नाम पर कुर्बान की जाएगी?