रोजगार की शिक्षा देने वाले गुरूजी के सामने रोजगार का संकट, वेतन को तरसे शिक्षक
1 min read23/05/2025 7:15 pm
- राज्य के 531 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा है संचालित, आठ सेक्टरों में संचालित है व्यावसायिक शिक्षा है संचालित।
दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।।
उत्तराखंड राज्य में राज्य भर के लगभग 531 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा है जिसमें वर्तमान में कार्यरत 531 व्यासायिक प्रशिक्षक सरकार की ओर से संचालित रोजगार शिक्षा के विभिन्न आठ सेक्टरों आईटी/आईटीएस,रिटेल,आटोमोबाइल,हेल्थकेयर ,टूरिज्म ,एग्रीकल्चर,इलेक्ट्रानिक्स व ब्यूटी एंड वेलनेस में अपनी सेवाएं नियमित रूप से दे रहे हैं। परन्तु रोजगार शिक्षा को संचालित करने वाले ये प्रशिक्षकों के इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,बता दें कि इन प्रशिक्षकों की सत्र 2025 में अप्रैल माह का मानेदय मई माह समाप्त होने में महज 09 दिन शेष बचे हैं परंतु अभी तक देय नहीं हैं, जिससे समस्त प्रशिक्षकों को इस महंगाई के दौर में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में ये प्रशिक्षक समग्र शिक्षा उत्तराखंड के द्वारा नियुक्त प्रोवाइडर/सेवा प्रदाता कम्पनी विजन इंडिया सर्विस प्राइवेट लिमि0 के माध्यम से सत्र 2021-22 से नियुक्त हैं, जिनके द्वारा राज्य भर के समस्त सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 70 हजार छात्र छात्राओं को रोजगार शिक्षा के सम्बन्धित आठ सेक्टरों के माध्यम से लाभान्वित कर रहे हैं। साथ ही बता दें कि सत्र 2024-25 के अंत में राज्य भर के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के इंटरमीडिएट के लगभग 140 छात्र- छात्राओं का चयन राज्य में समग्र शिक्षा उत्तराखंड के माध्यम से आयोजित रोजगार मेले के माध्यम से विभिन्न कंपनियों में हुआ है जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यावसायिक प्रशिक्षकों के सम्मुख कठिन परिस्थितियां होने के बाद भी वह अपने क्षेत्र में अछूते नहीं हैं, साथ ही बता दें कि राज्य भर के समस्त 531 विद्यालयों में उत्तराखण्ड बोर्ड एवं सीबीएसई बोर्ड का संचालन होता आ रहा है, वहां पर भी प्रशिक्षकों द्वारा अपना परिणाम शत प्रतिशत व्यावसायिक शिक्षा के विषय में दिया जा रहा है।
*शिक्षकों की स्थिति है बेहद खराब*
प्रशिक्षकों का कहना है कि जहां राज्य में एक ओर व्यावसायिक शिक्षा/रोजगार शिक्षा को बढावा दिया जा रहा है,वहीं दूसरी ओर इन रोजगार की शिक्षा देने वाले प्रशिक्षकों को अपने ही रोजगार के लिए लडना पड़ रहा है,उनका रोजगार ही सुरक्षित नजर नहीं आ रहा।पहले से ही उनको मिलने वाला मानेदय बेहद कम है ,अब समय पर भुगतान न होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड, रहा है।
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कंपनी के अधिकारी नहीं दे रहे स्पष्ट जबाब
प्रशिक्षकों द्वारा मानेदय में देरी होने पर विजन इंडिया के अधिकारियों एवं समग्र शिक्षा के अधिकारियों से संपर्क किया तो कोई ठोस एवं स्पष्ट जबाव नहीं मिल पाया। समस्त अधिकारी गोलमोल जबाब देते नजर आए।जिससे प्रशिक्षकों में मानेदय को लेकर असंतोष फैला हुआ है।
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कार्यबहिष्कार को होंगे बाध्य
प्रशिक्षकों का कहना है कि मानेदय के सम्बन्ध में कम्पनी के अधिकारी स्पष्ट रूप से कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं जिससे प्रशिक्षक मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रशिक्षक कमजोर नजर आ रहे हैं अगर प्रशिक्षकों का मानेदय बढोत्तरी के साथ साथ दिनांक 25 तक नहीं मिला तो वे सामूहिक रूप से कार्यबहिष्कार को बाध्य होंगे।
सरकार से मांग
प्रशिक्षकों ने सरकार से एवं सम्बन्धित विभाग से मांग की है कि वे इस मामले में संज्ञान लेते हुए तुरंत ही सेवा प्रदाता कम्पनी को निर्देश देते हुए प्रशिक्षकों को समय से मानेदय मुहैया कराया जाय। ताकि प्रशिक्षक को मानसिक एवं आर्थिक दबाब न हो सके साथ ही प्रशिक्षको ने मानेदय में इजाफा करने की भी मांग की है। साथ ही मानेदय के समय पर न मिलने एवं वेतन वृद्वि न होने की दशा में सामूहिक कार्यबहिष्कार की चेतावनी दी है।
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