दस्तक पहाड़ न्यूज, अगस्त्यमुनि।। क्रौंच पर्वत स्थित कुमार लोक से आज भक्तों की अपार भीड़ के  साथ श्री कार्तिकेय भगवान के चल विग्रह मूर्ति निशानों ने बदरीनाथ धाम यात्रा को लिए प्रस्थान किया।

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इस यात्रा के दौरान चल विग्रह मूर्ति विभिन्न तीर्थ स्थलों से होते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन देगी। 28 मई को क्रौंच पर्वत मंदिर से प्रारंभ हुई यात्रा आज नगर पंचायत पोखरी पहुंचेगी। 29 मई को पोखरी में दर्शन देते हुए, 30 मई को गोपेश्वर, और 31 मई को अनसूया धाम पहुंचेगी। तत्पश्चात, 1 जून को जोशीमठ से यात्रा आगे बढ़ेगी और 2 जून को श्री बद्रीनाथ धाम में पूजन-अर्चन संपन्न होगा। अंतिम चरण में 3 जून को वसुधारा यात्रा होगी और 4 जून को यात्रा समापन के साथ चल विग्रह मूर्ति वापसी होगी। समिति के प्रबंधक पूरन सिंह नेगी ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को भगवान कार्तिकेय के दर्शन लाभ देना है। उन्होंने सभी भक्तों से यात्रा में सहभागी बनने का आह्वान किया। समिति के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने बताया कि 365 गांवों के आराध्य श्री कार्तिकेय जी की यह यात्रा आज विधिवत रूप से प्रारंभ हो गई है। पहला रात्रि विश्राम पोखरी में होगा। यात्रा भगवान गोपीनाथ, मां अनसूया, बाबा कल्पनाथ धाम और भगवान नृसिंह मंदिर होते हुए बदरीनाथ धाम के दर्शन करेगी। आप सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे यात्रा में शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें और यात्रा को सफल बनाने में सहयोग करें। भ्रमण कार्यक्रम इस प्रकार है: 28 मई 2025 को कार्तिक स्वामी मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना, महाआरती एवं दर्शन के बाद यात्रा का विधिवत शुभारंभ। पोखरी में रात्रि विश्राम। 29 मई 2025 को पोखरी से बामेश्वर होते हुए गजेड़ कार्तिक स्वामी मंदिर में रात्रि विश्राम। 30 मई 2025 : गजेड़ कार्तिक स्वामी मंदिर से देवखाल होते हुए गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर रात्रि विश्राम। 31 मई 2025:गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर से अनसूया मंदिर को प्रस्थान सायं पुनः गोपेश्वर रात्रि विश्राम। 1 जून 2025 : गोपेश्वर से चमोली पीपल कोटी होते हुए जोशीमठ नृसिंह मंदिर प्रस्थान, रात्रि विश्राम। 2 जून 2025: नृसिंह मंदिर जोशीमठ से पांडुकेश्वर होते हुए बदरीनाथ धाम में रात्रि विश्राम। 3 जून 2025 : बदरीनाथ दर्शन, घंटाकर्ण माणा दर्शन, बसुधारा दर्शन के बाद जोशीमठ वापसी 4 जून 2025 : जोशीमठ से रुद्रप्रयाग, सतेराखाल, चोपता, घिमतोली, कनकचौरी होते हुए कार्तिक स्वामी मंदिर में वापसी व यात्रा समापन। श्री कार्तिकेय मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पुण्य अवसर में अधिक से अधिक संख्या में सहभागी बनें और भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करें।