दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।। केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने केदारघाटी में घटी हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए बड़ा सवाल उठाया है, अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर वो सरकार की लापरवाही पर कहते हैं [caption id="attachment_44687" align="alignnone" width="960"] मनोज रावत, पूर्व विधायक केदारनाथ[/caption]

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- एक कंपनी 5 हेली दुर्घटनाएं फिर भी सरकार नींद में ! हेली हम केदार वासियों के लिए वैसा ही है जैसा देहरादून वालों के लिए विक्रम । दोनों ही बेतरतीब उड़ान भरते हैं। कल हेली के सड़क पर लैंड करने से सिद्ध हो गया है कि , विक्रम भले ही आसमान में न उड़ पाए लेकिन हेली सड़क पर या हेलीपैड से बाहर उतर रहे हैं। चिंतनीय बात तो ये है कि , लगभग 15 दिनों में केदार घाटी में ये दूसरी हेली दुर्घटना है और दोनों ही हेली एक ही कंपनी kestrel aviation pvt limited के थे। इससे पहले केदारनाथ में हेलीपैड के पास जमीन पर इस कंपनी का हेली जो किसी बीमार को लेने केदारनाथ गया था , लैंडिंग से पहले हेलीपैड के पास ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। बीते कल इसी हेली कंपनी का दूसरा हेली VT RNK को टेक ऑफ याने उड़ान भरने के तुरंत बाद सड़क पर लैंडिंग करनी पड़ीं। शुक्र है दोनों दुर्घटनाओं में कोई मानवीय हानि नहीं हुई। [caption id="attachment_44685" align="alignnone" width="640"] केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त क्रिस्टल एविएशन की हेली एंबुलेंस[/caption] विक्रम या जीप दुर्घटनाग्रस्त होते हैं तो सबको पता चल जाता है कि, ये किसका था या किस कंपनी का था ? लेकिन हेली का पता ही नहीं चलता कि ये किस कंपनी का था या कौन सा था ? इसलिए लोगों को बताना जरूरी है कि ये हेली किस कंपनी के थे और कौन से थे। कल जो हेली बड़ासु के पास सड़क पर उतरा उसी हेली VT RNK से 2023 के अप्रैल महीने में यात्रा शुरू होने के दूसरे दिन उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के वित्त अधिकारी केदारनाथ में कट कर मर गए थे। यूकाडा का हेली ऑपरेशन में वही रोल है जो RTO या RI का गाड़ियों के मामले में। केदारनाथ की ये दुर्घटना वैसे ही थी जैसे RTO ऑफिस का कोई अधिकारी किसी गाड़ी की टक्कर से मर जाए।उस समय मुख्यमंत्री जिनके पास उड्डयन विभाग है ने हेली से अधिकारी के कट कर मरने के मामले की जांच बैठाई थी यदि जांच अच्छी होती तो उसी हेली VT RNK को सड़क पर लैंडिंग नहीं करनी पड़ती। एक कंपनी के हेलीकॉप्टरों की 3 दुर्घटनाओं पर ही बात खत्म नहीं होती है। पिछले साल एक हेली केदारनाथ में चक्कर लेते हुए उतरा था और उसको काफी नुकसान भी हुआ था वो हेली भी kestrel aviation pvt limited का VT CLR हेली था। बाद में इस दुर्घटनाग्रस्त हेली को MI 17 हेली द्वारा ठीक करने के लिए टांक कर हवाई मार्ग से ले जाया जा रहा था। लेकिन संभाल न पाने के कारण MI 17 के पायलट ने इसे मंदाकिनी नदी में गिरा दिया था , जिससे हेली पूरी तरह से नष्ट हो गया था। kestrel aviation pvt limited के हेली केदारघाटी में ही नुकसान नहीं कर रहे हैं कुछ साल पहले बदरीनाथ में इसी कंपनी का हेली क्रश हुआ था जिसमें कंपनी का इंजीनियर मर गया था। याने एक कंपनी और उत्तराखण्ड में 5 दुर्घटनाएं फिर भी सरकार नींद में ? हर दुर्घटना के बाद जांच होती हैं पर फिर उसी कंपनी के हेली से दुर्घटना हो जाती है। इसकी जगह विक्रम , जीप टैक्सी वाला होता तो उसका लाइसेंस ही जप्त हो जाता। खच्चर वाले से ये गलती होती तो उसकी कमर तोड़ दी जाती। कारण साफ है हेली वालों की ""समिति"" 2000 रुपया वसूली कर छोटे नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचाने वालों की समिति से बहुत मजबूत है। ये #DGCA , #UCADA , नागरिक उड्डयन विभाग , उसके मंत्री और सरकार को जेब में रखते हैं या उनकी जेबें जमकर गर्म करते हैं।