हरीश गुसाई/ दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि  अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में नगर पंचायत द्वारा निराश्रित गौवंश के मालिकों की पहचान कर उनपर जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें अपने गौवंश को वापस ले जाने का दबाब बनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत निराश्रित गौवंश पर लगे टैग द्वारा उसके स्वामी की पहचान की जा रही है। नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की अधिशासी अधिकारी सुश्री निकिता भट्ट ने बताया कि नगर क्षेत्र में लगातार बढ़ते निराश्रित गौवंश को लेकर माननीय अध्यक्ष जी के निर्देशानुसार उनके स्वामियों की पहचान कर उन पर

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चालानी कार्यवाही की जा रही है। विगत दो माह से चल रहे इस अभियान में अभी तक 20 निराश्रित गौवंश पर लगे टैगों की जांच की गई है। जांच के लिए गौवंश पर लगे टैग की फोटो खींचकर पशु पालन विभाग को भेजी जाती है। जहां वे टैग की जांचकर पूर्ण जानकारी साझा करते हैं। जांच में जानकारी मिली कि कई पशुओं पर तो टैग भी नहीं है। सम्भवतः स्वामियों ने गौवंश के कान काटकर टैग हटा दिए हैं जबकि अधिकांश टैग पशु पालन विभाग द्वारा तब लगाये गये हैं जब ये पशु सड़कों पर निराश्रित घूम रहे थे। केवल एक गौवंश की ही पहचान हो पाई। उसके स्वामी को बुलाकर उस पर चालानी कार्यवाही की गई तथा उसे उस गौवंश को अपने साथ ले जाने को कहा गया। जांच में यह भी पाया गया कि उस व्यक्ति द्वारा उस गौवंश को काफी पहले ही बेच दिया गया था और उस व्यक्ति द्वारा भी इस गौवंश को आगे बेचना भी पाया गया। चूंकि टैग मूल मालिक के नाम का ही लगा था इसलिए उसे ही जुर्माना भरना पड़ा। नगर पंचायत के अध्यक्ष राजेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि नगर क्षेत्र में निराश्रित गौवंश के कारण आये दिन आम जनता को परेशानी उठाी पड़ रही है। वहींे यातायात भी प्रभावित हो रहा है। और आये दिन इन निराश्रित गौवंश के कारण दुर्घटनायें भी हो रही हैं। इन सबको देखते हुए उन्होंने अधिशासी अधिकारी को इन निराश्रित गौवंश की पहचान पता करने का अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पहचान करने के बद चालानी कार्यवाही की गई। नपं अध्यक्ष ने बताया कि वे निरन्तर इन निराश्रित गौवंश के उचित पुनर्वास हेतु प्रयास रत हैं। आशा है कि निकट भविष्य में नगर क्षेत्र से निराश्रित गौवंष को हटाकर उनका पुनर्वास कर दिया जायेगा।