दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।। केदारनाथ रूट पर आज फिर एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना है।इस दुर्घटना में प्राण गंवाने वालों को श्रद्धांजलि और उनके परिजनों के प्रति संवेदना। पिछले एक -डेढ़ महीने में यह पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है। 08 मई को गंगोत्री जा रहा हैलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ और इसमें छह लोगों की मृत्यु हुई। 12 मई को बद्रीनाथ में हैलीकॉप्टर ब्लेड एक वाहन से टकरा गया। 17 मई को एम्स का हैली एम्बुलेंस जो एक मरीज को लेने केदारनाथ गया था, गिर गया। 08 जून को केदारनाथ

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जाने के लिए बड़ासू हैलीपैड से उड़ा हैलीकॉप्टर अचानक सड़क पर आ गिरा, जिससे हैलीकॉप्टर के अलावा एक कार भी क्षतिग्रस्त हो गयी। आज हुई हैलीकॉप्टर दुर्घटना के बारे में रुद्रप्रयाग पुलिस का फेसबुक पेज बता रहा है कि उक्त हैलीकॉप्टर ने सुबह साढ़े पांच बजे केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी. सवाल यह है कि इतनी सुबह उड़ान भरने की जल्दी क्यों थी ? क्या मौसम के बारे में पूर्वानुमान था और उसका अनुपालन हुआ ? हैलीकॉप्टर में कितने लोग सवार थे, क्या उसमें निर्धारित संख्या में यात्री थे या उससे अधिक थे ? पिछली दुर्घटनाओं से क्या सबक लिए गए और उसके अनुरूप सुरक्षा के क्या इंतजाम किये गए थे ? बीते दिनों समाचार पत्रों और पोर्टल्स ने खबर छापी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में सेवाएं दे रहे सभी हेली सर्विस प्रोवाइडर्स और ऑपरेटर्स को कड़े शब्दों में स्पष्ट किया है कि सुरक्षा मानकों से किसी भी तरह का समझौता नही किया जाना चाहिए. कहा गया कि मुख्यमंत्री ने गत वर्षों में हुए हेली दुर्घटनाओं की आडिट व निरन्तर समीक्षा के भी निर्देश दिए है ताकि इनकी पुनरावृति ना हो। मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के तीसरे दिन पुनः यह दुर्घटना हुई है. तो क्या मुख्यमंत्री की चेतावनी और सुरक्षा मानकों के पालन का निर्देश सिर्फ जुबानी जमा खर्च था या हैलीकॉप्टर कंपनियों पर मुख्यमंत्री के कहने- सुनने का कोई असर नहीं है ? हैलीकॉप्टर कंपनियों के मुनाफे की हवस के लिए लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के इस सिलसिले पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।