केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में बुरी तरह जले लोग, पहचान के लिए कराया जाएगा डीएनए टेस्ट
1 min read
15/06/20252:45 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज, रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में लगातार हेलीकॉप्टर हादसे हो रहे हैं. इस साल अभी तक 5 हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं. जिसमें 13 लोग जान गंवा चुके हैं. आज सुबह भी केदारनाथ से लौट रहा हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस हेली हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई. हादसा इतना भयानक था कि शव बुरी तरह से जल गए. ऐसे में अब शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाएगा।केदारनाथ के गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में शव बुरी तरह से जल गए हैं. ऐसे में किसी की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. लिहाजा, हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए लोगों का डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) टेस्ट कराया जाएगा. क्योंकि, डेड बॉडी को आईडेंटिफाई करने में मुश्किल हो रही है. डीएनए टेस्ट करने के बाद प्रशासन डेड बॉडी को सौंपेगा. इसकी जानकारी आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने दी है।
इस हेलीकॉप्टर हादसे में शव ऐसी हालत में मिली है कि पहचान करना तक मुश्किल हो गया है. ऐसे हालात में डीएनए टेस्ट से ही पता चल सकेगा कि शव किसका है। डीएनए को डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है. जो बॉडी की हर कोशिका में मौजूद वो कोड होता है, जो किसी इंसान या जीव की पहचान तय करता है. डीएनए उसके माता-पिता से मिला होता है. यह एक ऐसा वैज्ञानिक तरीका है, जिसके जरिए किसी भी इंसान की पहचान, रिश्तेदारी या बीमारी आदि का पता लगाया जा सकता है।जब किसी डेड बॉडी की हालत इतनी खराब होती है कि चेहरा या बॉडी से पहचान तक नहीं हो पाती, तब शव से डीएनए (DNA) लिया जाता है. जिसके बाद शव का दावा करने वाले परिवार के डीएनए से उसका मिलान किया जाता है. ऐसे में डीएनए मैच होने पर शव की पहचान तय हो जाती है।
बता दें कि आज यानी 15 जून की सुबह करीब सवा 5 बजे केदारनाथ धाम से आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की ओर से लौट रहा था. जैसे ही गौरीकुंड के पास पहुंचा, वैसे ही क्रैश हो गया. यह हेलीकॉप्टर गौरीकुंड से करीब 5 किमी ऊपर गौरी माई खर्क नामक स्थान पर क्रैश हुआ. जिसमें एक बच्चा समेत 7 लोगों की असमय (पायलट भी शामिल) मौत हो गई।
हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए लोगों के नाम-
कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (पायलट), निवासी- जयपुर
विक्रम रावत (बीकेटीसी), निवासी- रांसी, ऊखीमठ, उत्तराखंड
विनोद देवी (उम्र 66 वर्ष), निवासी- उत्तर प्रदेश
तृष्टि सिंह (उम्र 19 वर्ष), निवासी- उत्तर प्रदेश
राजकुमार सुरेश जायसवाल (उम्र 41 वर्ष), निवासी- गुजरात
श्रद्धा राजकुमार जायसवाल, निवासी- महाराष्ट्र
राशि (उम्र 10 वर्ष), निवासी- महाराष्ट्र
देश और दुनिया सहित स्थानीय खबरों के लिए जुड़े रहे दस्तक पहाड़ से।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में बुरी तरह जले लोग, पहचान के लिए कराया जाएगा डीएनए टेस्ट
दस्तक पहाड़ की से ब्रेकिंग न्यूज़:
भारत में सशक्त मीडिया सेंटर व निष्पक्ष पत्रकारिता को समाज में स्थापित करना हमारे वेब मीडिया न्यूज़ चैनल का विशेष लक्ष्य है। खबरों के क्षेत्र में नई क्रांति लाने के साथ-साथ असहायों व जरूरतमंदों का भी सभी स्तरों पर मदद करना, उनको सामाजिक सुरक्षा देना भी हमारे उद्देश्यों की प्रमुख प्राथमिकताओं में मुख्य रूप से शामिल है। ताकि सर्व जन हिताय और सर्व जन सुखाय की संकल्पना को साकार किया जा सके।
दस्तक पहाड़ न्यूज, रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में लगातार हेलीकॉप्टर हादसे हो रहे हैं. इस साल अभी तक 5 हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं. जिसमें 13 लोग जान गंवा चुके
हैं. आज सुबह भी केदारनाथ से लौट रहा हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस हेली हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई. हादसा इतना भयानक था कि शव बुरी तरह से
जल गए. ऐसे में अब शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाएगा।केदारनाथ के गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में शव बुरी तरह से जल गए हैं. ऐसे में
किसी की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. लिहाजा, हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए लोगों का डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) टेस्ट कराया जाएगा. क्योंकि, डेड बॉडी को आईडेंटिफाई
करने में मुश्किल हो रही है. डीएनए टेस्ट करने के बाद प्रशासन डेड बॉडी को सौंपेगा. इसकी जानकारी आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने दी है।
क्या होता है डीएनए टेस्ट?
इस हेलीकॉप्टर हादसे में शव ऐसी हालत में मिली है कि पहचान करना तक मुश्किल हो गया है. ऐसे हालात में डीएनए टेस्ट से ही पता चल सकेगा कि शव किसका है। डीएनए को
डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है. जो बॉडी की हर कोशिका में मौजूद वो कोड होता है, जो किसी इंसान या जीव की पहचान तय करता है. डीएनए उसके माता-पिता से
मिला होता है. यह एक ऐसा वैज्ञानिक तरीका है, जिसके जरिए किसी भी इंसान की पहचान, रिश्तेदारी या बीमारी आदि का पता लगाया जा सकता है।जब किसी डेड बॉडी की हालत
इतनी खराब होती है कि चेहरा या बॉडी से पहचान तक नहीं हो पाती, तब शव से डीएनए (DNA) लिया जाता है. जिसके बाद शव का दावा करने वाले परिवार के डीएनए से उसका मिलान किया
जाता है. ऐसे में डीएनए मैच होने पर शव की पहचान तय हो जाती है।
बता दें कि आज यानी 15 जून की सुबह करीब सवा 5 बजे केदारनाथ धाम से आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की ओर से लौट रहा था. जैसे ही गौरीकुंड
के पास पहुंचा, वैसे ही क्रैश हो गया. यह हेलीकॉप्टर गौरीकुंड से करीब 5 किमी ऊपर गौरी माई खर्क नामक स्थान पर क्रैश हुआ. जिसमें एक बच्चा समेत 7 लोगों की असमय
(पायलट भी शामिल) मौत हो गई।
हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए लोगों के नाम-
कैप्टन राजबीर सिंह चौहान (पायलट), निवासी- जयपुर
विक्रम रावत (बीकेटीसी), निवासी- रांसी, ऊखीमठ, उत्तराखंड
विनोद देवी (उम्र 66 वर्ष), निवासी- उत्तर प्रदेश
तृष्टि सिंह (उम्र 19 वर्ष), निवासी- उत्तर प्रदेश
राजकुमार सुरेश जायसवाल (उम्र 41 वर्ष), निवासी- गुजरात
श्रद्धा राजकुमार जायसवाल, निवासी- महाराष्ट्र
राशि (उम्र 10 वर्ष), निवासी- महाराष्ट्र