दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड न्यूज  अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बगरधार गांव में हालिया आपदा से बेघर हुए ग्रामीणों ने अब स्थायी विस्थापन की मांग उठाई है। गांव के आपदा प्रभावित लोगों ने सरकार से अपील की है कि उन्हें सिद्धनगर राजकीय प्राथमिक विद्यालय के समीप स्थित सरकारी भूमि पर पुनर्वासित किया जाए, क्योंकि यह क्षेत्र अपेक्षाकृत सुरक्षित है और जीवन की नयी शुरुआत के लिए उपयुक्त भी। बता दें वर्तमान समय इस स्थान पर एक प्राथमिक विद्यालय भी है जो छात्र संख्या के अभाव में बंद पड़ा है। इसका उपयोग

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फिलहाल वैकल्पिक रूप से आपद पीड़ितों को रहने के लिए भी किया जा सकता है। यहा पर विद्यालय की अपनी पांच नाली भूमि के साथ लगती अन्य दस से पंद्रह नाली तक बसावट के लिए सुरक्षित भूमि भी मौजूद है। बिजली पानी की सुविधा भी यहा पर मौजूद है। सरकार यहां पर बगरधार के आपदा पीड़ितों को बसा सकती है।ग्राम प्रधान अवतार सिंह सजवाण ने बताया कि उनके गाँव बगरधार में चार परिवारों के मकान पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं जबकि सात परिवारों के घर खतरे की जद में हैं। कुछ परिवार गाँव से बाहर बसे है लेकिन उनके पैतृक घर यही है। कुलमिलाकर 18 परिवारों को विस्थापन की आवश्यकता है। स्थानीय निवासी जगजीत सिंह सजवाण ने कहा, “मेरा मकान अभी खड़ा दिख रहा है लेकिन उसके ठीक सामने तक भूस्खलन हुआ है। हर बारिश के साथ यह डर सताता है कि कब मकान जमींदोज हो जाए। बच्चों के साथ कितने दिन और हम शरणार्थियों की तरह भटकते रहेंगे? सरकार तुरंत कदम उठाए तो बड़ी राहत मिलेगी।” वही 83 वर्षीय नारायणी देवी और उनके बेटे महेंद्र सिंह सजवाण का कहना है कि सिद्धनगर स्कूल के पास और गाँव के समीप ही अन्य स्थानों पर भी, पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है, जो सुरक्षित और पुनर्वास के अनुकूल है। सरकार यदि शीघ्र निर्णय लेकर वहां पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करती है, तो हम पीड़ितों को दोबारा जीवन बसाने में बड़ी मदद मिलेगी।आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने पहुंची विधायक आशा नौटियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी, सीमांत क्षेत्र अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट और जिला प्रशासन ने पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। विस्थापन की मांग और स्थायी पुनर्वास के लिए प्रस्ताव को प्रशासन द्वारा संज्ञान में लिया गया है।