भूस्खलन से तबाह हुआ चाका पैदल मार्ग, जान जोखिम में डालकर आ रहे स्कूली बच्चे, महिलाए, अगस्त्यमुनि–चाका ट्रॉली भी खराब
1 min read18/08/2025 9:02 am
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।
नीचे तेज़ बहती नदी, ऊपर लगातार भूस्खलन और बीच में फंसा गाँव का जीवन। अगस्त्यमुनि-चाका मार्ग पर बनी ट्रॉली खराब हो जाने से चाका समेत दो दर्जन से अधिक गाँवों के ग्रामीणों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह ठप्प हो गई है।गाँव की महिलाएँ और किसान हर रोज़ दूध, सब्ज़ी व अन्य सामान बेचने विजयनगर और अगस्त्यमुनि जाते हैं। लेकिन भूस्खलन से रास्ता टूट गया और वैकल्पिक सहारा बनी ट्रॉली भी खराब हो चुकी है। स्कूल-कॉलेज आने वाले बच्चों के लिए भी यह परेशानी विकट हो गई है। ग्रामीणों का दर्द बयान करते हुए सुलोचना देवी ने कहा— “साहब, ट्रॉली ही हमारी जान थी, अब वो भी बंद पड़ी है। रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है।” भूमा देवी बोलीं— “नीचे नदी गरज रही है, ऊपर पहाड़ गिर रहे हैं, अब हम जाएं तो जाएं कैसे?”हेमा देवी ने कहा— “अगस्त्यमुनि जाकर दूध और सब्ज़ी बेचना हमारी मजबूरी है, लेकिन रास्ता टूटने और ट्रॉली बंद होने से सब काम रुक गया है।” इसी तरह नारायण सिंह और भगवान सिंह ने भी प्रशासन से गुहार लगाई कि ट्रॉली की मरम्मत तत्काल कराई जाए, वरना गाँव की पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी।ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि ट्रॉली तुरंत दुरुस्त करवाई जाए और स्थायी रूप से सुरक्षित मार्ग भी बनाया जाए, ताकि हर साल भूस्खलन और नदी के डर से उनका जीवन मझधार में न फंसे। 👉 अब सवाल यही है— जब जीवन और रोज़गार इस पार-उस पार की डोर से बंधा हो, तो बिना ट्रॉली और रास्तों के ग्रामीण जाएं तो जाएं कैसे?
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।
यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन
भूस्खलन से तबाह हुआ चाका पैदल मार्ग, जान जोखिम में डालकर आ रहे स्कूली बच्चे, महिलाए, अगस्त्यमुनि–चाका ट्रॉली भी खराब
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129