दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। जनपद रुद्रप्रयाग में बीती रात बादल फटने जैसी अतिवृष्टि ने जनजीवन को हिला कर रख दिया। बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और आसपास के इलाकों में भारी मलवा आने से कई गांवों में तबाही मच गई। इस आपदा का सबसे बड़ा असर छेनागाड़ बाजार पर पड़ा, जहां कभी चहल-पहल रहती थी, आज वहां सिर्फ मलबा और खंडहर नजर आ रहे हैं। करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें मलवे में समा गईं, जो आसपास के गांवों के लोगों की आजीविका का केंद्र थीं। यहां से संचालित विश्वनाथ बस सेवा भी ठप हो गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि “छेनागाड़ बाजार अब सिर्फ यादों में बचेगा, रातोंरात सबकुछ खत्म हो गया।”

Featured Image

प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा - घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी ने राहत एवं बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। प्रभावित परिवारों को नजदीकी विद्यालय में सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है, जहां खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था की गई है। पशुओं के लिए भी चारे की आपूर्ति की जा रही है।मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में चार डॉक्टरों की टीम मौके पर भेजी गई है, जो लगातार तीन दिन तक प्रभावित क्षेत्र में डेरा जमाकर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। मलबे में दबे 8 लोगों की आशंका - छेनागाड़ क्षेत्र में 8 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत कार्यों के लिए प्रशासन ने SDRF, DDRF और आपदा प्रबंधन की टीमों को मौके पर भेजा है। रेस्क्यू अभियान पूरी मुस्तैदी से जारी है और जवान लगातार मलवे को हटाने में लगे हैं। तालजामण में मकान क्षतिग्रस्त, जखोली में महिला की मौत तालजामण क्षेत्र में 4 से 5 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हालांकि, सौभाग्यवश यहां जनहानि नहीं हुई। वहीं, जखोली क्षेत्र से एक महिला के हताहत होने की सूचना है। सड़क और पशुधन बचाव पर फोकस जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता (PWD) को तुरंत बंद सड़कों को खोलने के निर्देश दिए हैं। जिन स्थानों पर पशु मलबे में दबे हैं, वहां जेसीबी भेजी जा रही है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को कहा गया है।