दीपक बेंजवाल , दस्तक पहाड न्यूज।। देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र भूमि से एक बार फिर देश को नया वीर सैनिक मिला है। रुद्रप्रयाग जनपद के ब्लॉक अगस्त्यमुनि के अंतर्गत गुनाऊँ ग्राम निवासी मंयक वशिष्ठ ने भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे जनपद का गौरव बढ़ाया है।देश सेवा का यह जज्बा मंयक को अपने परिवार से विरासत में मिला। इनके पिता गिरीश चंद्र वशिष्ठ भारतीय सेना में बतौर सिपाही अपनी सेवाएं दे चुके हैं, वहीं माता सुशीला वशिष्ठ एक कुशल गृहिणी हैं जिन्होंने अपने

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बच्चों को मजबूत संस्कार और उच्च आदर्श दिए। परिवार में पहले भी देश सेवा और बुलंद हौसलों की मिसाल रही है। मंयक की बड़ी बहन नूतन वशिष्ठ ने माउंट एवरेस्ट फतह कर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया, वही बड़ा भाई प्रियंक नेवी (मुंबई) में है।अब छोटे भाई ने सेना में अधिकारी बनकर उस परंपरा को और ऊंचाई दी है। कम उम्र में लेफ्टिनेंट का पद हासिल करना आसान नहीं होता, लेकिन मंयक ने कठिन परिश्रम, अनुशासन और मजबूत संकल्प के बल पर यह मुकाम पाया है। सेना में अधिकारी बनते ही मंयक ने न केवल अपने माता-पिता का सपना पूरा किया, बल्कि पूरे जनपद को गर्वित किया है।ग्राम प्रधान डांगी गुनाऊ आलोक रौतेला ने मंयक की इस सफलता पर हर्ष और गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि मंयक जैसे युवाओं से आज की पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने साबित किया है कि कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन से हर मंजिल हासिल की जा सकती है।गाँव के पूर्व प्रधान बृजभूषण वशिष्ठ, पूर्व प्रधान कमल सिंह रौतेला, रघुवीर सिंह रौतेला, हीरामणी भट्ट, प्रकाश भट्ट, अनिल भट्ट, अनिरुद्ध वशिष्ठ, विश्वनाथ वशिष्ठ, शिक्षक गजेन्द्र रौतेला, कीर्तन मंडली अध्यक्ष माहेश्वरी देवी, ममता रौतेला सहित ग्रामवासियों ने बाबा केदार से मंयक के उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। सचमुच, मंयक वशिष्ठ की यह उपलब्धि पूरे उत्तराखंड के युवाओं को देश सेवा की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।