दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। जिस सड़क के लिए ग्रामीणों ने संघर्ष किया आज वहीं सड़क उनके गांव के लिए खतरा बन गई है। यहां बात हो रही है पीएमजीएसवाई द्वारा बनाया गया सौरगढ़-चोपड़ा-भट्टगांव- क्यार्क मोटर मार्ग की। इस मार्ग के लिए ग्रामीणों ने एक लम्बा संघर्ष किया। वर्ष 2006 में राज्य वित से स्वीकृत 7 किमी की यह सड़क पहले तो वन भूमि के कारण लम्बित रही। ग्रामीणों ने इसके लिए संघर्ष किया और दोबारा से सर्वे के बाद यह 2012-13 में बननी शुरू हुई। परन्तु केवल चार किमी की स्वीकृति के साथ। फिर एक लम्बा संघर्ष रहा और 2018 में यह सड़क पीएमजीएसवाई के हवाले हुई। और वर्तमान में इस पर अभी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। इस मोटर मार्ग के लिए बनी संघर्ष समिति के अध्यक्ष पद्मसिंह गुसाईं एवं महामंत्री गोबिन्द सिंह नेगी के साथ बृजमोहन भट्ट, आलम सिंह नेगी, नन्दराम भट्ट सहित कई लोगों ने लम्बा संघर्ष

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किया और सफलता पाई। वर्तमान में समिति के अध्यक्ष एवं महामंत्री दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। अपने जीते जी वे इस सड़क का लाभ नहीं ले पाये। दोनों ही इस सड़क से लाभान्वित होने वाले तोक सुमनपुर के रहने वाले थे। जो आज इस सड़क से खतरे की जद में आ गया। गांव में सड़क आने से सभी ग्रामीण खुश थे। कई परिवारों ने सड़क आने के बाद अपने आवासीय भवनों का नवीनीकरण कर सुविधायें जुटाई। परन्तु अब यही सड़क ग्रामीणों के जी का जंजाल बन गई है। असल में यह सड़क ठीक गांव के ऊपर से जा रही है। जहां पर एक भारी भरकम पुस्ता बनाया गया है। वर्तमान में भारी बारिस के कारण यह पुस्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके ठीक नीचे लगभग 17 परिवारों के आवासीय भवन है। जो कि सड़क आने के बाद ही बने हैं। पुस्ते का कुछ हिस्सा तो पूरी तरह से गिर गया है परन्तु एक बड़ा हिस्सा अभी आधे में लटका हुआ है। जो कभी भी ढ़ह सकता है। अगर यह ढ़हा तो फिर इन 17 परिवारों का जीवन संकट में पड़ जायेगा। उन्हें भारी जान माल का नुकसान उठाना पड़ जायेगा। पुस्ते के ढ़हने से गांव की पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है। ग्रामीण आलम सिंह, महिपाल सिंह, अमित सिंह, नितिन सिंह, जीत सिंह, यशवन्त सिंह, सतीश सिंह आदि ने बताया कि पुस्ता ढ़हे 15 दिन से अधिक का समय हो चुका है परन्तु अभी तक न तो विभाग ने ही सुध ली है और न ही प्रशासन की टीम गांव की स्थिति देखने आई है। लगता है प्रशासन किसी अनहोनी का इन्तजार कर रहा है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल को स्थिति से अवगत कराया गया तो उन्होंने आश्वस्त किया है कि बरसात समाप्त होते ही इस पर तत्काल कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।