रुद्रप्रयाग में शिक्षकों ने प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में रुद्रप्रयाग संगम में तर्पण कार्यक्रम
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14/09/20255:38 pm
दस्तक पहाड न्यूज रुद्रप्रयाग।। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड बहुत समय से अपने न्यायोचित मांगों को लेकर के चरणबद्ध आंदोलनरत है। इसी श्रृंखला में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती एवं अपनी 30 सूत्रीय मांगों को लेकर आज जनपद के तमाम शिक्षक एकजुट होकर प्रानतीय कार्यकारीणी के आह्वान पर रुद्रप्रयाग संगम पर आ पहुंचे वहां पहुंचकर शिक्षकों के द्वारा प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को तर्पण देकर शिक्षक विरोधी इस भर्ती को गंगा के माध्यम से समुद्र तक पहुंचाया गया। जनपद रुद्रप्रयाग की माध्यमिक शिक्षकों द्वारा विरोध प्रदर्शन के क्रम में मंदाकिनी और अलकनंदा के पुण्य संगम रुद्रप्रयाग में पहुंचकर श्रद्धा और विश्वास के महापर्व श्राद्ध पक्ष में आस्था और विश्वास के साथ उत्तराखंड सरकार की बुद्धि शुद्धि हेतु एक अनावश्यक थोपी गई प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को तर्पण देकर के विदा किया गया।
जनपदीय अध्यक्ष आलोक रौथाण जी का कहना है कि आज तक जनतांत्रिक भारत में शिक्षकों की उपेक्षा किसी भी सरकार के द्वारा इस प्रकार नहीं की गई। शिक्षक राष्ट्र निर्माण का प्रमुख स्तंभ है और शिक्षकों को इस प्रकार से यदि उपेक्षित रखा जाएगा तो तो हम किस प्रकार के शिक्षा और राष्ट्र के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं यह विचारणीय प्रश्न है*। सभी आंदोलित राजकीय शिक्षक मजबूर होकर के आज संगम तट पर एकत्रित हुए हैं और विभिन्न माध्यमों से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। जिला मंत्री शंकर भट्ट जी का कहना है *प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशन में समस्त शिक्षक इस लड़ाई को अंतिम रूप देना चाह रहे हैं प्रधानाचार्य सीधी भर्ती जो कि शिक्षकों के मनोबल को हतोत्साहित करने वाली है उसी की विदाई के लिए आज यह जन सैलाब संगम तट पर उमड़ा है*। जनपदीय या संयुक्त मंत्री दीपक नेगी जी का कहना है *शिक्षक सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन शिक्षा और अपने स्वाभिमान की उपेक्षा को कदापि बर्दाश्त नहीं कर सकता सरकार को शिक्षक संगठनों से वार्ता करनी चाहिए और जल्द ही समाधान की ओर बढ़ना चाहिए। जिला उपाध्यक्ष श्री शिशुपाल पवार जी का मानना है वर्तमान सरकार का शिक्षा एवं शिक्षकों के प्रति सदैव उपेक्षा का भाव रहा है एवं शिक्षकों की आवाज को हमेशा अनदेखा किया गया है* वरिष्ठतम एवं अनुभवी शिक्षक एवं कोषाध्यक्ष श्री त्रिलोक सिंह जगवाण जी ने माना है शिक्षा विभाग एवं सरकारों के द्वारा शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया है जिसके लिए शिक्षकों को उपाध्याय होकर सड़कों पर उतरना होगा। जिला प्रवक्ता अजय भट्ट जी का कहना है शिक्षकों की यह आवाज अब जन-जन की आवाज बनने जा रही है इसके दूरगामी परिणाम वर्तमान सरकार के हित में कदापि नहीं हो सकते*।
इस अवसर पर जनपदीय महिला उपाध्यक्ष कुसुम भट्ट संगठन मंत्री सुलेखा सेमवाल सहित बहुसंख्यक मातृशक्ति, अगस्त्यमुनी ब्लॉक अध्यक्ष अंकित रौथाण ब्लॉक मंत्री, संदीप भट्ट, जखोली ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण घड़ियाल, एवं मंत्री माही कोटियाल, ऊखीमठ ब्लॉक अध्यक्ष पंचम सिंह राणा, प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य देवेंन्द्र सिंह कोटवाल समस्त जनपद कार्यकारिणी एवं समस्त ब्लाक कार्यकारिणयां विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे सम्मानित संघनिष्ठट साथियों के द्वारा क्रांतिकारी विचार प्रस्तुत किए गए एवं अपनी मांगों को पूरा करने हेतु इस आंदोलन को और तीव्र गति प्रदान करने हेतु समर्थन दिया गया इस अवसर पर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी हुई और जल्द ही शिक्षकों की मांगों को पूर्ण करने हेतु सरकार से गुहार लगाईं गयी। इसी क्रम में दिनांक 17 सितंबर 2025 को सचिवालय तथा मुख्यमंत्री आवास घेराव की योजना भी शिक्षकों के द्वारा बनाई गई जिसमें सभी शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करने का निर्णय लिया है एवं इस आंदोलन का संपूर्ण जिम्मेदार उत्तराखंड शिक्षा विभाग एवं वर्तमान सरकार को ठहराया है।
रुद्रप्रयाग में शिक्षकों ने प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में रुद्रप्रयाग संगम में तर्पण कार्यक्रम
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दस्तक पहाड न्यूज रुद्रप्रयाग।। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड बहुत समय से अपने न्यायोचित मांगों को लेकर के चरणबद्ध आंदोलनरत है। इसी श्रृंखला में
प्रधानाचार्य सीधी भर्ती एवं अपनी 30 सूत्रीय मांगों को लेकर आज जनपद के तमाम शिक्षक एकजुट होकर प्रानतीय कार्यकारीणी के आह्वान पर रुद्रप्रयाग संगम पर आ
पहुंचे वहां पहुंचकर शिक्षकों के द्वारा प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को तर्पण देकर शिक्षक विरोधी इस भर्ती को गंगा के माध्यम से समुद्र तक पहुंचाया गया। जनपद
रुद्रप्रयाग की माध्यमिक शिक्षकों द्वारा विरोध प्रदर्शन के क्रम में मंदाकिनी और अलकनंदा के पुण्य संगम रुद्रप्रयाग में पहुंचकर श्रद्धा और विश्वास के
महापर्व श्राद्ध पक्ष में आस्था और विश्वास के साथ उत्तराखंड सरकार की बुद्धि शुद्धि हेतु एक अनावश्यक थोपी गई प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को तर्पण देकर के
विदा किया गया।
जनपदीय अध्यक्ष आलोक रौथाण जी का कहना है कि आज तक जनतांत्रिक भारत में शिक्षकों की उपेक्षा किसी भी सरकार के द्वारा इस प्रकार नहीं की गई। शिक्षक राष्ट्र
निर्माण का प्रमुख स्तंभ है और शिक्षकों को इस प्रकार से यदि उपेक्षित रखा जाएगा तो तो हम किस प्रकार के शिक्षा और राष्ट्र के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं यह
विचारणीय प्रश्न है*। सभी आंदोलित राजकीय शिक्षक मजबूर होकर के आज संगम तट पर एकत्रित हुए हैं और विभिन्न माध्यमों से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास
कर रहे हैं। जिला मंत्री शंकर भट्ट जी का कहना है *प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशन में समस्त शिक्षक इस लड़ाई को अंतिम रूप देना चाह रहे हैं प्रधानाचार्य
सीधी भर्ती जो कि शिक्षकों के मनोबल को हतोत्साहित करने वाली है उसी की विदाई के लिए आज यह जन सैलाब संगम तट पर उमड़ा है*। जनपदीय या संयुक्त मंत्री दीपक नेगी
जी का कहना है *शिक्षक सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन शिक्षा और अपने स्वाभिमान की उपेक्षा को कदापि बर्दाश्त नहीं कर सकता सरकार को शिक्षक संगठनों से
वार्ता करनी चाहिए और जल्द ही समाधान की ओर बढ़ना चाहिए। जिला उपाध्यक्ष श्री शिशुपाल पवार जी का मानना है वर्तमान सरकार का शिक्षा एवं शिक्षकों के प्रति
सदैव उपेक्षा का भाव रहा है एवं शिक्षकों की आवाज को हमेशा अनदेखा किया गया है* वरिष्ठतम एवं अनुभवी शिक्षक एवं कोषाध्यक्ष श्री त्रिलोक सिंह जगवाण जी ने
माना है शिक्षा विभाग एवं सरकारों के द्वारा शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया है जिसके लिए शिक्षकों को उपाध्याय होकर सड़कों पर उतरना होगा। जिला
प्रवक्ता अजय भट्ट जी का कहना है शिक्षकों की यह आवाज अब जन-जन की आवाज बनने जा रही है इसके दूरगामी परिणाम वर्तमान सरकार के हित में कदापि नहीं हो सकते*।
इस अवसर पर जनपदीय महिला उपाध्यक्ष कुसुम भट्ट संगठन मंत्री सुलेखा सेमवाल सहित बहुसंख्यक मातृशक्ति, अगस्त्यमुनी ब्लॉक अध्यक्ष अंकित रौथाण ब्लॉक
मंत्री, संदीप भट्ट, जखोली ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण घड़ियाल, एवं मंत्री माही कोटियाल, ऊखीमठ ब्लॉक अध्यक्ष पंचम सिंह राणा, प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य
देवेंन्द्र सिंह कोटवाल समस्त जनपद कार्यकारिणी एवं समस्त ब्लाक कार्यकारिणयां विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे सम्मानित संघनिष्ठट साथियों के द्वारा
क्रांतिकारी विचार प्रस्तुत किए गए एवं अपनी मांगों को पूरा करने हेतु इस आंदोलन को और तीव्र गति प्रदान करने हेतु समर्थन दिया गया इस अवसर पर सरकार के
विरुद्ध नारेबाजी हुई और जल्द ही शिक्षकों की मांगों को पूर्ण करने हेतु सरकार से गुहार लगाईं गयी। इसी क्रम में दिनांक 17 सितंबर 2025 को सचिवालय तथा
मुख्यमंत्री आवास घेराव की योजना भी शिक्षकों के द्वारा बनाई गई जिसमें सभी शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करने का निर्णय लिया है एवं इस आंदोलन का
संपूर्ण जिम्मेदार उत्तराखंड शिक्षा विभाग एवं वर्तमान सरकार को ठहराया है।