दीपक बेंजवाल दस्तक पहाड न्यूज।। अगस्त्यमुनि में स्वास्थ्य सेवा पखवाड़ा के दौरान राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में उमड़ी भारी भीड़ ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का

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सच सामने रख दिया। सैकड़ौ लोग स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लाइन में खड़े दिखे, लेकिन असलियत यह है कि करीब 80 हजार से अधिक की आबादी वाले इस क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात नहीं है। केवल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और आपातकालीन सुविधा तक सीमित यह सीएचसी “नाम बड़ा, दर्शन छोटे” की कहावत को चरितार्थ करता दिखता है। गंभीर बीमारियों या जटिल परामर्श के लिए मरीजों को मजबूरी में ऋषिकेश, श्रीनगर या देहरादून के चक्कर लगाने पड़ते हैं। तमाम सवालों के बीच आज के शिविर में जनता को बड़ी राहत भी मिली, दूर दराज के गाँवों से स्वास्थ्य जाँच करने पहुंचे लोगों को अस्पताल के हर कमरे में आज विशेषज्ञ डाक्टर मिले, निशुल्क जांच और दवाईयां भी मिली। स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंचे कमल सिंह, पार्वती देवी, मीना देवी, वीरेंद्र रावत अषाड़ सिंह नेगी, ईश्वरी प्रसाद, कमल नेगी ने बताया की उन्होंने आज डॉक्टर अच्छी जांच से वे संतुष्ट है, डॉक्टर की लिखी सभी दवाइयां भी उन्हें हॉस्पिटल से निशुल्क मिली है। सभी का कहना था कि काश ऐसी सुविधाऐ हर दिन यहां मिलती रहती। स्थानीय लोगों का कहना है कि “ इतना बड़ा अस्पताल होते हुए भी यहां विशेषज्ञ डॉक्टर क्यों नहीं हैं।हर मौके पर घोषणाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन असलियत इस भीड़ में साफ दिखाई देती है। यह स्वास्थ्य शिविर पर्वतीय क्षेत्रों की चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। क्या सरकार पहाड़ के मरीजों की सुध लेगी या फिर ऐसे ही शिविरों में भीड़ जुटाकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती रहेगी ? 80 हज़ार की आबादी पर बना केवल रैफर सेंटर अगस्त्यमुनि का राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के केन्द्र बिन्दु अगस्त्यमुनि का राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 80 हज़ार से अधिक की आबादी के लिए मात्र रैफर सेंटर बनकर रह गया है। हालात यह हैं कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थानांतरण के बाद स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी प्रकार का स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इससे पूरी घाटी की जनता को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।नगर उद्योग व्यापार मण्डल अगस्त्यमुनि ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर तत्काल हड्डी रोग विशेषज्ञ (Orthopedic), बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician), स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) और सर्जन फिजिशियन की नियुक्ति की मांग की है।नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह नेगी, महामंत्री मनीष विष्ट और कोषाध्यक्ष विक्रम नेगी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि का दायरा पूरी केदारनाथ घाटी की जनता के लिए है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को छोटी-छोटी बीमारी में भी रुद्रप्रयाग, श्रीनगर या देहरादून रेफर कर दिया जाता है।व्यापार मंडल ने स्वास्थ्य केंद्र को सुदृढ़ बनाने और जनता को तत्काल राहत देने की मांग उठाई है। प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और केदारनाथ क्षेत्र की विधायक श्रीमती आशा नौटियाल को भी भेजी गई है। जनता की मांग है कि अगस्त्यमुनि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पूर्ण रूप से कार्यात्मक बनाया जाए ताकि पहाड़ी क्षेत्र के लोग रेफरल की मार से बच सकें।