कालिका काण्डपाल  / दस्तक पहाड न्यूज  अगस्त्यमुनि विकासखण्ड की बीडीसी बैठक सोमवार को भारी हंगामे और विरोध के बीच शुरू हुई। असंगठित ग्राम पंचायतों को आमंत्रित न किए जाने से नाराज़ 118 असंगठित ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने बैठक का विरोध किया, जबकि संगठित पंचायतों के प्रतिनिधियों एवं सभी क्षेत्र पंचायत की उपस्थिति में बैठक करने की प्रक्रिया आगे बढ़ी।एक ओर असंगठित पंचायतों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल न किए जाने का विरोध करते रहे, वहीं दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख भुवनेश्वरी देवी बैठक

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कराने की ज़िद पर अड़ी रहीं। लगभग तीन घंटे तक चले विवाद और तीखी बहस के बीच आखिरकार बैठक प्रारंभ की गई।बैठक में उपस्थित सदस्यों और अधिकारियों का परिचय कराया गया। इस बीच सदन के मुख्य दरवाजे पर खड़े विरोध कर रहे सदस्य भारी नारेबाजी करते रहे। जिसके चलते ब्लॉक प्रमुख भुवनेश्वरी देवी द्वारा बैठक को स्थगित किया गया। इस पर सुबह से बैठक के इंतजार में बैठे संगठित ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य नाराज हो गए। उनका कहना था कि ब्लॉक प्रमुख ने राजनीति से प्रेरित होकर बैठक स्थगित की, जो स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा के अनुरूप नहीं है।इस मौके पर मौजूद केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने की भावना से इस सदन में आते हैं। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में बीडीसी बैठकों की शुरुआत आज से की जा रही है, जिसमें फिलहाल केवल संगठित ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर शीघ्र ही असंगठित ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कहा कि आज की बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों के साथ परिचयात्मक चर्चा के बाद, जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को देखते हुए सदन को स्थगित किया गया है। इस अवसर पर जेष्ठ प्रमुख शांति चमोला, कनिष्ठ प्रमुख सविता भण्डारी, जिला पंचायत सदस्य पवन कुमार, सम्पन्न नेगी, गम्भीर विष्ट, किरन देवी, बीडीओ सुरेश शाह व डीएफओ रजत सुमन आदि उपस्थित रहे।