दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि। श्री अगस्त्य आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के पांचवें दिन दर्शकों ने राम-केवट मिलन, राजा दशरथ की वेदना तथा भरत मिलाप के भावपूर्ण मंचन का आनंद लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ व्यापारी जगमोहन खत्री, हरिसिंह खत्री, कीर्तन मंडली की अध्यक्षा शाकाम्बरी खत्री एवं सावित्री खत्री ने श्रीराम की आरती उतारकर किया। बारिश की वजह से पहले के दिनों में दर्शकों की संख्या नगण्य रही थी, लेकिन अब मौसम खुलने और पात्रों के सशक्त अभिनय के कारण दर्शकों की

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भीड़ बढ़ने लगी है। राम-केवट मिलन का मंचन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। इस दृश्य में दिखाया गया कि श्रीराम के लिए कोई बड़ा या छोटा नहीं है, बल्कि जो उनके कार्य में सहायक बना, वह समान सम्मान का अधिकारी है। केवट बने विपिन रावत ने अपने अभिनय और गायन से दर्शकों का मन मोह लिया, वहीं राम बने महेन्द्र ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। इसके बाद राजा दशरथ की वेदना और मृत्यु का मार्मिक मंचन हुआ। मंत्री सुमंत बने त्रिभुवन नेगी ने प्रभावशाली अभिनय से तालियां बटोरीं, जबकि दशरथ बने सुशील गोस्वामी ने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों की आंखें नम कर दीं। दिन का समापन राम-भरत मिलाप से हुआ। इसमें भरत राम को चित्रकूट से अयोध्या लौटाने की जिद करते हैं, जबकि राम वचन की मर्यादा के कारण वनवास पर अडिग रहते हैं। अंत में भरत राम की खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौटते हैं। भरत की भूमिका निभा रहे शिवम ने हर संवाद को जीवंत कर दिया। अन्य कलाकारों में लक्ष्मण बने अंशुल, सीता बनी शिखा, कैकई बनी आस्था, कौशल्या बनी सुमित्रा सकलानी, शत्रुघ्न बने हन्नी बिष्ट तथा केवट के साथी बने भुवन ने अपनी भूमिकाओं को सफलतापूर्वक निभाया। रामलीला का संचालन गंगाराम सकलानी ने किया। इस अवसर पर रामलीला कमेटी अध्यक्ष कमलेश जमलोकी सहित सौरव बिष्ट, नवीन बिष्ट, माधव सिंह नेगी, हेमन्त फरस्वाण, अखिलेश गोस्वामी, उमा कैन्तुरा, विनीता रौतेला, शशिधर सेमवाल, अंकित रावत, हेमन्त चौकियाल एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।