दस्तक पहाड़ न्यूज। अगस्त्यमुनि।  केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि के भवन निर्माण की मांग को लेकर उक्रांद के बैनर तले धरनारत आन्दोलनकारियों ने रविवार को चन्द्रापुरी बाजार से स्यालसौड़ तक जुलूस निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं और पुरुष शामिल रहे।

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धरनास्थल पर हुई सभा में आन्दोलनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि समय पर निर्माण कार्य शुरू न होने पर वन विभाग में तालाबंदी की जाएगी। सभा को संबोधित करते हुए उक्रांद युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष नेगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार जनता की समस्याओं से बेखबर है। उत्तराखण्ड स्वाभिमान मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि ग्रामीणों ने 2011 में विद्यालय के लिए चार एकड़ भूमि दी थी, धनराशि भी आबंटित हो चुकी है, फिर भी भवन निर्माण नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भूमि को अन्य प्रयोजन के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। उक्रांद जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण ने कहा कि यह आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक भवन निर्माण शुरू नहीं हो जाता। उक्रांद प्रवक्ता देवेंद्र चमोली ने कहा कि सरकार केवल छवि चमकाने में लगी है, जबकि धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा। सभा को डॉ. आशुतोष भंडारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 2004 में अगस्त्यमुनि में केन्द्रीय विद्यालय खुला था और तब से यह अस्पताल के पुराने भवन में संचालित हो रहा है। विद्यालय का स्थायी भवन बनने से न केवल शिक्षा की व्यवस्था सुधरेगी बल्कि अस्पताल के लिए भी जगह की कमी दूर होगी। इस अवसर पर व्यापार संघ अध्यक्ष राहुल पंवार, देवेन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह, अनिल रावत, प्रमोद राणा, जगमोहन सिंह भण्डारी, मुकेश लिंगवाल, शिवसिंह भण्डारी, पंकज राणा, हरिकृष्ण गोस्वामी, मनोज चौहान, विष्णुकान्त शुक्ला, राजीव सिंह, प्रधान भटवाड़ी सुनार, पाली, नैली कुण्ड सहित बड़ी संख्या में महिलायें मौजूद रहीं। वर्ष 2004 में बड़े संघर्ष और आंदोलनों के बाद अगस्त्यमुनि में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हो पाई थी। उस समय तत्कालीन सांसद एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री भुवन चन्द्र खण्डूरी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सात वर्ष बाद, 2011 में चन्द्रापुरी के समीप स्यालसौड़ में सड़क किनारे विद्यालय के लिए चार एकड़ भूमि चयनित की गई। इसमें कुछ भूमि नाप खेत और कुछ भूमि वन विभाग की थी। लेकिन 14 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। वर्ष 2018 में विद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य विजय नैथानी ने भवन निर्माण में रुचि दिखाई। उन्होंने केदारनाथ के तत्कालीन विधायक मनोज रावत की मदद से हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटवाकर निर्माण का रास्ता भी साफ किया। मगर कोविड-19 काल के चलते कोई प्रगति नहीं हो सकी। 2023 में प्राचार्य नैथानी के स्थानांतरण के बाद मामला पूरी तरह ठंडे बस्ते में चला गया। अन्ततः जनता का धैर्य जवाब देने पर उक्रांद नेता डॉ. आशुतोष भंडारी ने इस विषय पर पहल की। भंडारी, जो 2024 के उपचुनाव में केदारनाथ क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, ने जनता को साथ लेकर आन्दोलन शुरू करने का निर्णय लिया। उनके नेतृत्व में 3 अक्टूबर 2025 से स्यालसौड़ में धरना जारी है।