दस्तक पहाड़ न्यूज। अगस्त्यमुनि श्री अगस्त्य आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के छठवें दिन शूपर्णखा प्रकरण का मंचन हुआ। मंचन के साथ ही रावण का भव्य प्रवेश भी हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तराखण्ड महिला आयोग की उपाध्यक्ष शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत, वीरांगना महिला संगठन की अध्यक्षा माधुरी नेगी तथा कार्तिकेय मंदिर समिति के अध्यक्ष विक्रम नेगी ने भगवान श्रीराम की आरती उतारकर किया। इस अवसर पर महिला आयोग की उपाध्यक्ष ऐश्वर्या रावत ने

Featured Image

कहा कि “रामलीला भगवान राम के आदर्शों की कथा है। यह हमें माता-पिता के प्रति समर्पण, भाई का प्रेम, पत्नी का त्याग और तपस्या जैसे आदर्शों का संदेश देती है। इसी कारण श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।” मंचन में कथा का आरम्भ चित्रकूट से पंचवटी प्रस्थान से हुआ, जहां महर्षि अगस्त्य ने श्रीराम को दिव्य धनुष एवं बाण प्रदान किए। आगे चलकर पंचवटी में शूपर्णखा का आगमन हुआ। राम व लक्ष्मण से विवाह प्रस्ताव अस्वीकार होने पर वह सीता पर झपट पड़ी, जिस पर लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। यही प्रसंग आगे राम-रावण युद्ध का कारण बना। इसके बाद खर-दूषण वध और स्वर्ण मृग प्रसंग का सजीव मंचन किया गया। रावण द्वारा सीता हरण का दृश्य दर्शकों के लिए अत्यंत रोचक और भावनात्मक रहा। भूमिकाओं में भुवन पुरोहित ने शूपर्णखा का जीवंत अभिनय कर खूब तालियां बटोरीं। राम बने महेन्द्र, लक्ष्मण बने अंशुल, सीता बनी शिखा, रावण बने विपिन, अगस्त्य बने भूपेन्द्र तथा मारीचि बने हेमन्त ने अपने पात्रों का शानदार निर्वहन किया। रामलीला का संचालन गंगाराम सकलानी ने किया। इस अवसर पर रामलीला कमेटी अध्यक्ष कमलेश जमलोकी सहित सौरव बिष्ट, नवीन बिष्ट, माधव सिंह नेगी, हेमन्त फरस्वाण, अखिलेश गोस्वामी, उमा कैन्तुरा, विनीता रौतेला व अन्य सदस्य मौजूद रहे। फोटो - श्री अगस्त्य आश्रम में श्रीराम।