हरीश गुसांई/ दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि। श्री अगस्त्य आदर्श रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के आठवें दिन दर्शकों ने अशोक वाटिका एवं लंका दहन जैसे रोमांचक प्रसंगों का सजीव मंचन देखा। बालि वध के उपरांत सीता की खोज वानर सेना के नेतृत्व में आगे बढ़ी। जामवन्त ने हनुमान को उनके बल की याद दिलाते हुए “का चुप साधि रहे हनुमाना” का स्मरण कराया। हनुमान अपने विशाल रूप का आभास पाकर समुद्र लांघते हुए लंका पहुंचे और अशोक वाटिका में सीता माता से भेंट कर राम की अंगूठी उन्हें भेंट की। सीता

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को आश्वस्त करने के बाद हनुमान ने अशोक वाटिका को ध्वस्त कर रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध किया। इसके बाद मेघनाथ द्वारा नागपाश में बांधकर लंका दरबार लाए गए हनुमान को रावण ने दंडित करने का आदेश दिया। विभीषण की सलाह पर उनकी पूंछ में आग लगाई गई, किंतु हनुमान ने उसी ज्वाला से पूरी लंका को प्रज्वलित कर दिया और समुद्र में छलांग लगाकर आग बुझाते हुए वापस लौट आए। रामलीला में हनुमान की भूमिका में सुशील गोस्वामी, रावण की भूमिका में विपिन रावत, विभीषण की भूमिका में जितेन्द्र रावत, सीता की भूमिका में शिखा, त्रिजटा की भूमिका में हेमन्त फरस्वाण, मेघनाथ की भूमिका में भूपेन्द्र बेंजवाल तथा अक्षय कुमार की भूमिका में राहुल ने सशक्त अभिनय कर दर्शकों को देर रात तक मंत्रमुग्ध कर दिया। आठवें दिन की रामलीला का शुभारम्भ हरिद्वार के मिठाई व्यापारी एवं रामभक्त अजय वालिया, चिल्ड्रन एकेडमी के प्रधानाचार्य हरपाल कण्डारी, अगस्त्य कीर्तन मंडली की अध्यक्ष शकाम्बरी देवी एवं नाकोट कीर्तन मंडली की अध्यक्ष सर्वेश्वरी गुसाईं ने श्रीराम की आरती उतार कर किया। इस अवसर पर अजय वालिया ने रामलीला समिति को 11,000 रुपये की रामभेंट अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन गंगाराम सकलानी ने किया। रामलीला कमेटी अध्यक्ष कमलेश जमलोकी, सौरव बिष्ट, नवीन बिष्ट, माधव सिंह नेगी, उमा कैन्तुरा, विनीता रौतेला, हेमन्त चौकियाल सहित अनेक लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।