दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ग्राम परकंडी के ठांड गाँव में सोमवार सुबह भालू के हमले में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला की पहचान गौरा देवी (60 वर्ष) पत्नी शक्ति सिंह रावत के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि गौरा देवी सुबह रोज की तरह अपने घर के पास के रास्ते जा रही थीं, तभी पेड़ की ओट में छिपे भालू ने उन पर अचानक हमला कर दिया।

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हमले में गौरा देवी बुरी तरह लहूलुहान हो गईं। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर किसी तरह भालू को भगाया। इसके बाद ग्रामीणों ने घायल महिला को उठाकर तत्काल राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर कर दिया। अगस्त्यमुनि अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि गौरा देवी के सिर और चेहरे पर गहरे जख्म आए हैं, उनके सिर पर करीब 18 टांके लगाए गए हैं। शरीर के अन्य हिस्सों पर भी नाखूनों और दांतों से हुए गहरे निशान हैं। डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल महिला की स्थिति गंभीर लेकिन स्थिर है। गांव में घटना की खबर फैलते ही ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ समय से परकंडी और पास के गाँवों में भालुओं की गतिविधि लगातार बढ़ रही है, जिससे लोग हर समय भयभीत रहते हैं। सुबह-शाम खेतों और जंगलों में जाने में ग्रामीण अब डर महसूस करने लगे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से गांव के आसपास भालुओं की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद वन विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता गजेन्द्र चौधरीका कहना है कि क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस दिशा में ठोस रणनीति बनानी होगी — जैसे कि भालू पकड़ने के लिए पिंजरे लगाना, रात में निगरानी बढ़ाना, और ग्रामीणों को सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण देना। वन विभाग के अधिकारियों ने भी घटना की पुष्टि की है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, संबंधित क्षेत्र में टीम को गश्त के निर्देश दिए गए हैं और आसपास के जंगलों में भालू की मौजूदगी की जांच की जा रही है।घटना के बाद परकंडी गांव और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।