दीपक बेंजवाल  दस्तक पहाड न्यूज  नगर क्षेत्र में लगातार दो बड़े मेलों के आयोजन के प्रस्ताव के विरोध में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नगर इकाई अगस्त्यमुनि ने “व्यापार बचाओ

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अभियान” की शुरुआत की है। संगठन के प्रदेश मंत्री मोहन रौतेला ने जारी बयान में कहा कि आगामी 29 अक्टूबर से राज्य सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा अगस्त्यमुनि के खेल मैदान में सहकारिता मेला लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, लगभग 6 नवंबर से राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष में शारदीय कृषि विकास औद्योगिक मेला भी तय किया गया है। मोहन रौतेला ने कहा कि केवल 15 दिनों के भीतर नगर में दो-दो बड़े मेलों का आयोजन करना स्थानीय व्यापार के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन आयोजनों के संबंध में न तो नगर के वरिष्ठ जनों से राय-मशविरा लिया गया और न ही व्यापारियों को विश्वास में लिया गया। उन्होंने कहा कि सहकारिता मेला के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली गई है और ठेकेदार ने तैयारी भी शुरू कर दी है। प्रदेश मंत्री रौतेला ने स्पष्ट कहा कि यदि मेला करना ही है तो राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले औद्योगिक मेले को ही संयुक्त रूप से सरकारी मेला घोषित कर आयोजित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सहकारिता मंत्रालय के मेला आयोजन के पीछे “करीब सवा दो करोड़ रुपये के दुरुपयोग” की आशंका है। उन्होंने कहा, “सरकार की बेशर्मी और नाकामी के मेले अगस्त्यमुनि में नहीं लगने देंगे। यदि ये मेले जनपद स्तरीय हैं तो इन्हें रुद्रप्रयाग नगर में ले जाएं। हम अगस्त्यमुनि को मेला नगर नहीं बनने देंगे और अपने व्यापारियों को बर्बादी के मेले झेलने नहीं देंगे।” मोहन रौतेला ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया एवं सुझाव पत्रों के माध्यम से जिला प्रशासन और राज्य सरकार को अवगत करा दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर की मूलभूत समस्याओं — जैसे अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, सड़कों की खराब स्थिति, बायपास निर्माण में शिथिलता और केंद्रीय विद्यालय भवन का अभाव — पर ध्यान देने के बजाय सरकार केवल “धन के दुरुपयोग वाले मेले” आयोजित कर रही है।उन्होंने नगर के सभी व्यापारियों से इस आंदोलन में एकजुट होकर सहयोग देने की अपील की है। वही नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अंतर्गत लगने वाले सहकारिता मेले को लेकर नगर उद्योग व्यापार मंडल अगस्त्यमुनि ने उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को एक ज्ञापन सौंपा है। व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष विक्रम नेगी एवं महामंत्री मनीष बिष्ट द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में कहा गया है कि आगामी 29 अक्टूबर से अगस्त्यमुनि के खेल मैदान में सहकारिता मंत्रालय द्वारा मेला आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में बड़ी संख्या में बाहरी व्यापारी दुकानें लगाते हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रशासन मेले में स्थानीय व्यापारियों को प्राथमिकता दे और बाहरी व्यापारियों को सीमित अनुमति दी जाए। साथ ही स्थानीय व्यापारियों को भी अपने उत्पादों की बिक्री हेतु पर्याप्त स्थान एवं स्टॉल शुल्क में छूट प्रदान की जाए। व्यापार मंडल ने कहा कि हर वर्ष मेले में बाहरी व्यापारियों की अधिकता से स्थानीय बाजार की बिक्री पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उचित व्यवस्था की जाए।