अगस्त्यमुनि।। राज्य स्थापना की रजत जयन्ती सप्ताह के अंतर्गत कृषि विभाग रुद्रप्रयाग द्वारा ब्लॉक सभागार अगस्त्यमुनि में किसान मेला एवं रबी कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला कृषि अधिकारी लोकेन्द्र बिष्ट ने किया। उन्होंने किसानों को विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, मुफ्त बीज वितरण एवं अन्य लाभकारी योजनाओं के विषय में अवगत कराया। गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार के वैज्ञानिक डॉ. संजय सचान ने पारंपरिक एवं वैज्ञानिक खेती संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि खड़ी फसलों में गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे फसल को लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने बताया कि एक लीटर एक माह पुराना गौमूत्र को 9 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से फसल रोगों से

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सुरक्षित रहती है और उत्पादन भी बढ़ता है। यह पारंपरिक तरीका आज भी अत्यंत प्रभावी है। उन्होंने बंदरों से फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग तथा सुअरों से बचाव हेतु तीव्र गंध वाले रसायनों के उपयोग को प्रभावी उपाय बताया। कार्यक्रम में उन्नत किसान कपिल शर्मा, परमेंद्र गुसाईं, थपलियाल आदि ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसानों को अपनी कृषि जोत की नियमित देखभाल एवं नवीन तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है। पत्रकार एवं प्रगतिशील किसान अनसूया मलासी ने बंदर समस्या के स्थायी समाधान की मांग करते हुए कहा कि कृषि विषय को पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की, ताकि नई पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित हो सके। उन्होंने कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण एवं पुनर्गठन की भी आवश्यकता बताई। शिक्षक एवं मोटिवेशन एक्सपर्ट गजेन्द्र रौतेला ने अगस्त्यमुनि के तीन युवाओं सत्यम भण्डारी, राहुल और रोहित के सफल स्टार्टअप का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने संघर्ष व नवाचार के दम पर जैविक मिलेट से कम समय में 10 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी स्थापित कर क्षेत्र का नाम रोशन किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक कृषि अधिकारी सुमरपुर अखिलेश नेगी ने किया, जबकि अध्यक्षता जिपंस विमला देवी ने की। इस अवसर पर सूचना विभाग की टीम ने नुक्कड़ नाटक के जरिये विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में जिला युवा कल्याण अधिकारी वरद जोशी, मत्स्य अधिकारी मंजू भाकुनी, मनरेगा लोकपाल सीपी चमोली, क्षेपंस भागीरथी देवी, जड़ी बूटी केंद्र सर्वेक्षक बीएस राणा, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दीपमणि गुप्ता सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं किसान उपस्थित रहे।