दस्तक पहाड न्यूज रुद्रप्रयाग।। जिला प्रशासन रूद्रप्रयाग के मार्गदर्शन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रुद्रप्रयाग के तत्वाधान में आज भूकंप की संभावित परिस्थितियों में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारियों का परीक्षण करने हेतु बहु-एजेंसी मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस अभ्यास में पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, एनएच, यूरेड़ा, पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, राजस्व विभाग, स्थानीय निकायों सहित विभिन्न विभागों की QRT टीमों ने सक्रिय सहभागिता की।ड्रिल के दौरान जनपद

Featured Image

के छह विभिन्न स्थलों पर रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता के भूकंप के उपरांत उत्पन्न संभावित आपदा परिस्थितियों का अनुकरण किया गया, जिनमें भवन क्षति, सड़क धंसाव, टनल हादसा, ग्लेशियर मूवमेंट तथा बड़े पैमाने पर जनहानि जैसी स्थितियाँ शामिल रहीं। सभी स्थानों पर त्वरित प्रतिक्रिया दलों ने सफलतापूर्वक राहत एवं बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया। इस दौरान स्टेजिंग एरिया गुलाबराय मैदान को बनाया गया। मुख्य घटनास्थलों का संक्षिप्त विवरण*। 1. जिला चिकित्सालय, कोटेश्वर - भवन क्षतिग्रस्त होने से 52 व्यक्ति फँसने की स्थिति का अनुकरण किया गया। अस्पताल परिसर में टेंट आधारित अस्थायी चिकित्सा सुविधा स्थापित कर मरीजों को सुरक्षित निकाले जाने का अभ्यास किया गया। 2. उद्योग विभाग कार्यालय, भटवाड़ी सैण - कार्यालय एवं आटा मिल के ध्वस्त होने से 15–20 व्यक्तियों के दबने की मॉक स्थिति में जेसीबी एवं बचाव दलों द्वारा त्वरित रेस्क्यू संचालन प्रदर्शित किया गया। 3. जवाड़ी बाईपास, वन विभाग कार्यालय के समीप - सड़क धंसाव एवं वाहन दुर्घटना के परिदृश्य में घायलों को प्राथमिक उपचार व जिला चिकित्सालय तक स्थानांतरण की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। 4. अगस्त्यमुनि कस्बा क्षेत्र - आवासीय व व्यावसायिक भवन क्षति, मलबे में 50–60 व्यक्तियों के दबने तथा बिजली, पानी व संचार बाधित होने की स्थिति में व्यापक खोज एवं बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। 5. आरवीएनएल टनल, सुमेरपुर - टनल के भीतर 40–50 मजदूरों के फँसने एवं 8–10 श्रमिकों के गंभीर घायल होने की स्थिति में तकनीकी टीमों द्वारा टनल ओपनिंग, एम्बुलेंस मूवमेंट और हैली-इवैक्यूएशन का अनुकरण किया गया। 6. श्री केदारनाथ धाम परिसर - चोराबाड़ी की ओर से ग्लेशियर आने की संभावित स्थिति में सुरक्षा में तैनात जवानों के रेस्क्यू तथा हेलीकॉप्टर के माध्यम से गंभीर घायलों को AIIMS ऋषिकेश भेजे जाने का अभ्यास किया गया।इस दौरान उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने कहा कि “आपदा प्रबंधन तंत्र की तत्परता एवं विभागीय समन्वय को मजबूत करने की दृष्टि से यह मॉक ड्रिल अत्यंत उपयोगी रही। सभी एजेंसियों ने निर्धारित मापदंडों के अनुसार जिम्मेदारी एवं दक्षता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।” इस मॉक ड्रिल से समस्त विभागों के बीच समन्वय एवं संचार प्रणाली का परीक्षण किया गया तथा राहत एवं बचाव उपकरणों की कार्यशीलता की जाँच हुई, गंभीर घायलों के हेली-इवैक्यूएशन की प्रक्रिया का अनुकरण कर भीड़ प्रबंधन, प्राथमिक उपचार एवं त्वरित चिकित्सा सेवाओं का अभ्यास किया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि “इस वृहद मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपदा के समय सभी विभागों के बीच आपसी समन्वय, संचार व्यवस्था एवं प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था। सभी विभागों ने बेहतरीन तालमेल दिखाया और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार त्वरित प्रतिक्रिया दी। यह अभ्यास जन जागरूकता बढ़ाने एवं आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” मॉक ड्रिल के माध्यम से विभागीय समन्वय, संचार प्रणाली, उपकरणों की कार्यशीलता, भीड़ प्रबंधन, प्राथमिक उपचार, हेली-इवैक्यूएशन तथा त्वरित चिकित्सा सेवाओं की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया। साथ ही स्थानीय स्तर पर सामुदायिक सहभागिता एवं जागरूकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया।