दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि। सरस्वती शिशु मंदिर अगस्त्यमुनि में भैया-बहनों की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती अनीता जी ने की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती दमयंती भट्ट और श्रीमती नीलम नेगी उपस्थित रहीं, जिन्होंने मौजूद महिलाओं व अभिभावक बहनों को कुटुंब प्रबोधन, समाज में महिलाओं की भूमिका तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्या प्रियता जी ने किया, जबकि संयोजिका श्रीमती विजया किमोठी ने मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर विद्यालय की मातृ भारती बहिनें श्रीमती प्रियंका देवी, अनीता देवी, पूजा देवी तथा विद्यालय परिवार से ममता जी, रोशनी जी और अर्पिता जी भी उपस्थित रहीं।विद्या भारती द्वारा आयोजित

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सप्त शक्ति संगम एक अखिल भारतीय अभियान है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, जीवन मूल्यों और संस्कारों के माध्यम से महिलाओं में आत्म-जागरण, सशक्तिकरण और स्वावलंबन की भावना को विकसित करना है। कार्यक्रम में ज्ञान, संस्कार, सेवा, सुरक्षा, स्वावलंबन, स्वास्थ्य और संगठन जैसी सात प्रमुख शक्तियों के जागरण पर विशेष जोर दिया जाता है। मुख्य वक्ता दमयंती भट्ट ने कहा कि सप्त शक्तियाँ श्री (समृद्धि), वाक् (वाणी/ज्ञान), स्मृति (स्मरणशक्ति), मेधा (बुद्धि), श्रुति (श्रवण/शिक्षा), क्षमा (सहनशीलता) और कीर्ति (यश)  हर नारी की नैसर्गिक ताकत हैं, जिन्हें जागृत कर नारी को परिवार और समाज में सशक्त भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सप्त शक्ति संगम भारतीय महिला को गृहिणी से आगे बढ़ाकर उसे एक जागरूक, सशक्त और समाज के प्रति समर्पित व्यक्तित्व के रूप में स्थापित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें भारतीय परंपरा और आधुनिक आवश्यकताओं का संतुलित संगम दिखाई देता है।