दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। रुद्रप्रयाग जनपद के लिए यह गर्व और खुशी का क्षण है। नाग-जगई (अगस्त्यमुनि) निवासी सौरव दुमागा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे जनपद और केदारघाटी का नाम रोशन किया है। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी से कमीशन प्राप्त करने वाले सौरव की इस उपलब्धि से क्षेत्र में उत्साह और गौरव का माहौल है। सौरव दुमागा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के सादगी भरे माहौल में पूरी की। बचपन से ही मेधावी और हरफनमौला रहे सौरव पर यह लोकोक्ति पूरी

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तरह सटीक बैठती है— “पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं।” अनुशासन, परिश्रम और लक्ष्य के प्रति अडिग रहने की प्रवृत्ति उनमें शुरू से ही दिखाई देती रही।उल्लेखनीय है कि सौरव इससे पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल) के लिए भी चयनित हो चुके थे, लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी सीडीएस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर स्थायी कमीशन प्राप्त करना था, जिसे उन्होंने साकार कर दिखाया।सौरव के पिता जगदीश दुमागा भारतीय सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त होकर एक सरल और अनुशासित जीवन जी रहे हैं, जबकि माता श्रीमती राजेश्वरी दुमागा एक कुशल गृहिणी हैं। बड़े भाई नवीन दुमागा ने सौरव की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है और उसने पूरे परिवार का मान बढ़ाया है। रुद्रप्रयाग जनपद के पैलिंग गाँव निवासी माधव नेगी ने भी सौरव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे हैं और उनमें देश सेवा का जज़्बा स्पष्ट दिखाई देता था।भारतीय सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करना सौरव दुमागा का मुख्य उद्देश्य रहा है। उनकी यह सफलता पहाड़ के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है।